Cyclone Biparjoy Update: गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हुआ ‘बिपोरजॉय', केरल में धीमा करेगा मानसून की चाल
Cyclone Biparjoy Update: आईएमडी ने कहा कि यह चक्रवाती तूफान देश की तरफ बढ़ रहे मानसून को कमजोर कर सकता है। केरल पहुंचने के बाद मानसून चक्रवाती तूफान के थमने तक कमजोर बना रहेगा। 12 जून के बाद मानसून में तेजी आ सकती है। विभाग का कहना है कि बुधवार सुबह इसकी स्पीड 80-90 से लेकर 100 किलोमीटर प्रतिघंटे जा सकती है।
गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हुआ ‘बिपोरजॉय'
Cyclone Biparjoy Update: अरब सागर में इस साल उठने वाला पहला चक्रवाती तूफान ‘बिपोरजॉय’ तेजी से गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। इस चक्रवात के बारे में मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि इससे केरल में मानसून की धीमी शुरुआत होगी। हालांकि, इसके थमने के बाद मानसून फिर जोर पकड़ेगा। मौसम विभाग के जानकारों का कहना है कि चक्रवात ‘बिपोरजॉय’ की वजह से केरल के मानसून पर भले ही असर पड़े लेकिन देश के अन्य भागों में मानसून के पहुंचने में देरी नहीं होगी। साथ ही देश में होने वाली कुल सामान्य बारिश पर भी इसका असर नहीं होगा। अगले 12 घंटे में यह और भीषण रूप लेगा।
12 जून के बाद मानसून में आएगी तेजी-IMD
इससे पहले आईएमडी ने कहा कि यह चक्रवाती तूफान देश की तरफ बढ़ रहे मानसून को कमजोर कर सकता है। केरल पहुंचने के बाद मानसून चक्रवाती तूफान के थमने तक कमजोर बना रहेगा। 12 जून के बाद मानसून में तेजी आ सकती है। विभाग का कहना है कि बुधवार सुबह इसकी स्पीड 80-90 से लेकर 100 किलोमीटर प्रतिघंटे जा सकती है। यही नहीं शाम के समय इसकी रफ्तार 105 से 115 किलोमीटर प्रतिघंटा भी हो सकती है। अरब सागर के पश्चिममध्य एवं दक्षिण भाग और उत्तर केरल, कर्नाटक और गोवा के तट पर 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।
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गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हुआ
आईएमडी की ओर से बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे दी गई जानकारी के अनुसार, ‘पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर में चक्रवाती तूफान ‘बिपोरजॉय’ पिछले छह घंटे में दो किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की तरफ बढ़ा और एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया... यह सुबह करीब साढ़े पांच बजे गोवा से करीब 890 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में, मुंबई से 1,000 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में, पोरबंदर से 1,070 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और कराची से 1,370 किलोमीटर दक्षिण में उसी स्थान पर केंद्रित रहा।’
'पश्चिम घाटों से आगे जाने में संघर्ष करना पड़ेगा'
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मानसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है। इस दौरान, हल्की बारिश होने ही संभावना है। उसने कहा, ‘अरब सागर में ऐसी शक्तिशाली मौसम प्रणालियां अंदरूनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं। चक्रवात के प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में धीमी गति से पहुंच सकता है, लेकिन इसे पश्चिम घाटों से आगे जाने में संघर्ष करना पड़ेगा।’
आम तौर पर केरल में 1 जून को दस्तक देता है मानसून
दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर एक जून को केरल में दस्तक देता है। इसके आगमन के समय में सात दिन का अंतर हो सकता है। मई के मध्य में आईएमडी ने कहा था कि मानसून चार जून तक केरल पहुंच सकता है। स्काईमेट ने पहले मानसून के सात जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान लगाते हुए कहा था कि यह तीन दिन पहले या बाद में वहां पहुंच सकता है।
देश में सामान्य बारिश होने की संभावना
दक्षिण-पूर्वी मानसून ने पिछले साल 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को केरल में दस्तक दी थी। आईएमडी ने पहले कहा था कि अल-नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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