Cyclone Biparjoy: कितना खतरनाक है आने वाला तूफान, सरकार की तैयारियां क्या हैं और अब तक कितना हुआ नुकसान; यहां जानिए सबकुछ
Cyclone Biparjoy Tracking : कच्छ और सौराष्ट्र के आठ जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। राज्य प्रशासन ने कच्छ, द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़, राजकोट, अमरेली और गिर सोमनाथ के लिए अलर्ट जारी किया है। बता दें, मौसम वैज्ञानिकों ने 15 जून तक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के गुजरात के कच्छ से टकराने की आशंका जताई है।
समुद्री तूफान बिपरजॉय
Cyclone Biparjoy Live Tracking: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय खतरनाक रूप धारण कर चुका है। जैसे-जैसे यह तूफान आगे बढ़ रहा है, गुजरात में खतरा भी बढ़ता जा रहा है। तटीय इलाकों में इसका असर भी दिखने लगा है और समुद्र में उठ रहीं तेज लहरों ने राज्य प्रशासन को काफी हद तक डरा दिया है। लोगों को समुद्र तट के करीब न जाने की सलाह दी गई है और अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। आशंका है कि अरब सागर से आ रहा यह तूफान अगले दो दिनों में गुजरात में लैंडफान करेगा।
चुक्रवाती तूफान के असर से गुजरात की 57 तहसीलों में सोमवार को बारिश दर्ज की गई। वहीं कच्छ और सौराष्ट्र के बंदरगाहों पर हाईअलर्ट भी जारी कर दिया गया है। खबर है कि खतरनाक होती स्थिति के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देर रात गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बातचीत भी की और उन्हें केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा भी दिया है।
इस बीच, समुद्री चक्रवात को देखते हुए मंगलवार को कच्छ और सौराष्ट्र के आठ जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। राज्य प्रशासन ने कच्छ, द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़, राजकोट, अमरेली और गिर सोमनाथ के लिए अलर्ट जारी किया है। बता दें, मौसम वैज्ञानिकों ने 15 जून तक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के गुजरात के कच्छ से टकराने की आशंका जताई है। यहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
ऐसे में आइए जानते हैं यह चक्रवाती तूफान बिपरजॉय कितना खतरनाक है? इससे अब तक कितना नुकसान हुआ है? मौसम वैज्ञानिकों को क्या डर सता रहा है? और सरकार की ओर से अब तक क्या-क्या तैयारियां की गई हैं...
पहले जानिए कितना खतरनाक है बिपरजॉय?
अरब सागर से उठे तूफान के 15 जून को कच्छ की जमीन से टकराने की संभावना है। मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि 14 जून तक यह तूफान उत्तर की ओर बढ़ेगा और उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ते हुए सौराष्ट, कच्छा, मांडवी 15 जून तक पहुंचेगा। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह तूफान कच्छ में टकराने के बाद काफी खतरनाक हो सकता है। ऐसे में तटीय इलाकों से अभी से 7500 लोगों को हटाया गया है। इसके अलावा मुंबई में भी हाईअलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, कच्छ के जखाऊ बंगरगाह से टकराने के बाद हवाओं की रफ्तार 135-145 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी और यह स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इस दौरान भारी से भारी बारिश की भी संभावना है। मौसम विभाग ने इस तूफान को गंभीरता की नंबर दो श्रेणी में रखा है।
अब तक क्या-क्या प्रभावित हुआ है?
भले ही चक्रवाती तूफान 15 जून को गुजरात के तट से टकराए, लेकिन इसका असर अभी से दिखने लगा है। सरकार को गुजरात के तटीय इलाकों से 7500 लोगों को निकालना पड़ा है और पूरे तटवर्ती इलाके में धारा 144 लागू की गई है। इसके अलावा यहां 15 जून तक स्कूल-कॉलेजों को भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसके अलावा मुंबई के जूहू बीच पर छह लोग तूफान के कारण समुद्र में डूब गए थे, जिसमें दो लोगों को बाहर निकाल लिया गया। सोमवार को चार लोग लापता था, जिसमें से दो लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। तूफान के असर के कारण मुंबई एयपोर्ट पर एक रनवे को बंद करना पड़ा है, जिससे विमानों की आवाजाही पर असर पड़ा है। कई विमान देरी से उड़ रहे हैं। इसके अलावा पश्चिम रेलवे ने खराब मौसम के प्रभावित क्षेत्रों से गुजरने वाली 67 ट्रेनों को रद्द करने का भी फैसला गया है। वहीं 56 ट्रेनों के गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही उसका सफर समाप्त कर दिया गया।
सरकार की तैयारियां क्या हैं?
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के खतरे से निपटने के लिए गुजरात में सात और मुंबई में एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं। मुंबई में तीन टीमें पहले से ही तैयार हैं। इसके अलावा 15 और टीमों को तैयार रखा गया है। भारतीय तटरक्षक और नौसेना ने भी अपने जहाजों और हेलीकॉप्टरों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार कर लिया है। सेना के तीनों अंगों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। गुजरात में कच्छा के तटवर्ती इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है तो वहीं समुद्र तट से 10 किलोमीटर दायरे में पड़ने वाले गांवों के लगभग 23 हजार लोगों को अस्थायी शिविरों में रखने की तैयारी है। मछुआरों के समुद्र तट पर जाने पर रोक लगा दी गई है तो करीब 4500 नौकाओं को भी सुरक्षित कर लिया गया है।
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मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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