Cyclone Remal Impact: चक्रवात रेमल से कितना नुकसान? बांग्लादेश में मची तबाही, WB में भी हालत खराब; पढ़ें अब तक का अपडेट
Cyclone Remal Impact: चक्रवाती तूफान रेमल ने पश्चिम बंगाल और उसके तटीय इलाकों में काफी तबाही मचाई है। बंगाल में रेमल ने आधारभूत संरचना और संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसके कारण हुए हादसों में दो लोगों की मौत हो गई।
चक्रवात रेमल से कितना नुकसान
Cyclone Remal Impact: भारत और बांग्लादेश में चक्रवात रेमल तबाही मचाने के बाद अब कमजोर पड़ गया है। साइक्लोन रेमल का सबसे ज्यादा असर भारत के पश्चिम बंगाल और पड़ोसी देश बांग्लादेश में देखने को मिला है। बांग्लादेश में लाखों लोगों को घर छोड़ना पड़ गया है, कुछ लोगों की मौत भी हुई है। वहीं बंगाल में भी रेमल ने भारी तबाही मचाई है।
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बंगाल में रेमल से कितना नुकसान
चक्रवाती तूफान रेमल ने पश्चिम बंगाल और उसके तटीय इलाकों में काफी तबाही मचाई है। बंगाल में रेमल ने आधारभूत संरचना और संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसके कारण हुए हादसों में दो लोगों की मौत हो गई। तूफान के कारण बीती रात 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली थीं। इस चक्रवाती तूफान ने बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई। 'रेमल' से पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में हुई क्षति को साफ तौर पर देखा जा सकता है। कोलकाता और राज्य के अन्य तटीय जिलों में झोपड़ियों की छत हवा में उड़ गयीं, पेड़ उखड़ गये और बिजली के खंभे गिर गये, जिस कारण कोलकाता सहित राज्य के कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई।
ट्रेन से लेकर हवाई सेवा तक पर असर
कोलकाता के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति देखी गयी। वहीं, सियालदह टर्मिनल स्टेशन से उपनगरीय ट्रेन सेवाएं कम से कम तीन घंटे के लिए आंशिक रूप से निलंबित रहीं, जिस कारण यात्रियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। चक्रवाती तूफान 'रेमल' के मद्देनजर कोलकाता हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं 21 घंटे तक निलंबित रहने के बाद सोमवार सुबह बहाल हुईं। सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी हैं।आपातकालीन सेवाएं प्रभावित क्षेत्रों में मलबा हटाने और बिजली बहाल करने के काम में जुटी हैं।
बांग्लादेश में रेमल का असर
रेमल के बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने के बाद कम से कम सात लोगों की मौत हो गयी और लाखों लोगों को बिना बिजली के रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। 'रेमल' के तट से टकराने पर 120 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं और सैकड़ों गांवों में पानी भर गया। मौसम विभाग ने बताया कि 'रेमल' सोमवार की सुबह थोड़ा कमजोर हुआ और हवा की गति 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गयी। चक्रवाती तूफान के साथ तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई, जिसका प्रभाव बारिसल, भोला, पटुआखली, सतखिरा और चट्टोग्राम सहित अन्य क्षेत्रों में दिखा। बीडी न्यूज की खबर के अनुसार, ग्रामीण विद्युत प्राधिकरण ने 'रेमल' से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए तटीय क्षेत्रों में डेढ़ करोड़ लोगों के घरों की बिजली काट दी।
पूर्वोत्तर में रेमल का प्रभाव
रेमल के कारण विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में आपदा प्रबंधन अधिकारियों और सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जिला प्रशासनों को अग्रिम एहतियाती कदम उठाने के लिए कहा गया है। पूर्वोत्तर के सभी सात राज्यों में अगले 2 दिनों तक भारी मौसमी हलचल रहेगी। मेघालय और असम में इसका असर ज्यादा देखने को मिल सकता है। यहां तक कि अरुणाचल प्रदेश के भी कई हिस्सों में मौसम खराब रहने की आशंका है। असम घाटी और पहाड़ों दोनों में स्थानीय बाढ़, भूस्खलन, तेज़ तूफ़ान और बिजली गिरने की संभावना है।
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