चक्रवात रेमल: हवा इतनी तेज चलेगी कि ट्रेन के इंजन भी उड़ जाएंगे? मोटी-मोटी जंजीरों से बांधे गए डिब्बे

Cyclonic Storm Remal: आज रात तक चक्रवात रेमल बांग्लादेश एवं पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकता है। इसके बाद 110 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा और कोलकाता एवं आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

Cyclone Remal

चक्रवाती तूफान रेमल

Cyclonic Storm Remal: बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान रेमल क्या कुछ कर सकता है इसका अंदाजा इसके बंगाल तट से टकराने से पूर्व की तैयारियों से लगाया जा सकता है। मौसम विभाग ने यहां 110 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका जताई है। यानी हवा इतनी तेज होगी कि पटरियों पर खड़े ट्रेन के डिब्बे भी अपनी जगह से खिसक सकते हैं। रेलवे प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में पहले ही कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है, अब रेल के इंजनों और डिब्बों को मोटी-मोटी जंजीरों के माध्यम से पटरियोंं से बांधा जा रहा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, आज रात तक चक्रवात रेमल बांग्लादेश एवं पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकता है। इसके बाद 110 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा और कोलकाता एवं आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल सरकार ने इसको लेकर पहले ही अलर्ट जारी कर रखा है, उधर चक्रवाती तूफान से होने वाले संभावित नुकसान से बचने के लिए नौसेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है।

पीएम मोदी ने की उच्च स्तरीय बैठक

वहीं, दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात रेमल को लेकर रविवार शाम अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। जानकारी के मुताबिक अगले 2-3 घंटों में रेमल लैंडफॉल शुरू हो जाएगा। ऐसे में साउथ बंगाल में एनडीआरएफ की 14 टीमों को साउथ बंगाल में तैनात कर दिया गया है। मौसम विभाग ने मछुआरों को सोमवार सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी है। वहीं, बाबूघाट से नौका सेवाओं को 27 मई तक निलंबित कर दिया गया है।

बांग्लादेश ने शुरू किया निकासी अभियान

उधर, बांग्लादेश ने प्रचंड चक्रवाती तूफान रेमल से निपटने की तैयारियों के तहत रविवार को जोखिम वाले इलाकों के निवासियों की निकासी का अभियान शुरू कर दिया। बीएसएस समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार, रेमल के उत्तरी दिशा में बढ़ने और शाम या रात तक मोंगला के निकट पश्चिम बंगाल-खेपुपारा तट के सागर द्वीप को पार करने का अनुमान जताया गया है। बीएसएस ने आपदा प्रबंधन विभाग के महानिदेशक मिजानुर रहमान के हवाले से कहा, बड़े पैमाने पर निकासी शुरू की जा चुकी है। जोखिम वाले स्थानों पर रहने वाले सभी लोगों को यथाशीघ्र सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाना है। जिला प्रशासन ने सामाजिक, शैक्षिक और धार्मिक संस्थानों के परिसरों को अस्थायी आश्रय स्थल में तब्दील कर दिया है। साथ ही, तटीय जिलों में 4,000 चक्रवात राहत केंद्र बनाये गए हैं। उन्होंने कहा, चक्रवात तैयारी कार्यक्रम के कुल 78,000 स्वयंसेवकों को तटीय जिले में आपदा से निपटने के लिए मुस्तैद रखा गया है।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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