UP के ये 2 हादसे त्योहारों में सबक, ट्रैक्टर से हर रोज 10 और शॉर्ट सर्किट से 4 की मौत
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार साल 2021 में ट्रैक्टर पर सवारी के दौरान 5652 लोग घायल हुए । और इसमें 3899 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इसी तरह 2021 में शॉर्ट सर्किट के 1808 हादसे हुए और इसकी वजह से 1657 लोगों की मौत हो गई। नियमों की अनदेखी हादसे की एक बड़ी वजह है।
मुख्य बातें
- कानपुर में ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर गिर गई और उसमें सवार 26 लोगों की मौत हो गई ।
- भदोही में दुर्गा पांडाल में आग लगने से 5 लोगों की मौत हुई है।
- गाइडलाइन और कानून होने के बावजूद, आम लोगों के अलावा प्रशासन भी अनदेखी करता है ।
Accidents in India:त्याहारों के मौसम (Festival Season) में जरा सी लापरवाही खुशियों को मातम में बदल देती है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में हुए दो हादसे सबक हैं कि हमें ऐसे कदमों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जो हमारे लिए जानलेवा बन सकते हैं। पहला हादसा उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur Tractor Accident)का है, शनिवार को एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली अनियंत्रित होकर पानी से भे खंती में गिर गई और उसमें सवार 26 लोगों की मौत हो गई । संबंधित खबरें
दूसरी घटना भदोही (Bhadohi) जिले की है। जहां रविवार देर रात दुर्गा पूजा पांडाल में आग (Bhadohi Durga Puja Fire) लग गई। खबर लिखे जाने तक 5 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 52 लोग झुलस गए। हादसा शॉर्ट सर्किट (Short Circuit) से हुआ। जिसकी वजह से निकली चिंगारी से पांडाल में आग लग गई। इन घटनाओं से सबसे पहला सवाल यही उठता है कि ट्रैक्टर-ट्राली जो सामान ढुलाई में इस्तेमाल किया जाता है, तो उस पर 40 से ज्यादा लोग बैठ कर क्यों जा रहे थे। इसी तरह भदोही हादसे से सवाल उठता है कि जब शॉर्ट सर्किट से हमेशा हादसे का डर होता है, तो फिर सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए जाते हैं। तो इसका सीधा जवाब है लापरवाही और नियमों की अनदेखी। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली की वजह से हर रोज 10 लोग मौत के शिकार हो रहे हैं, इसी तरह शॉर्ट सर्किट से हर रोज 4 लोगों की मौत हो जा रही है।संबंधित खबरें
ट्रैक्टर यात्रा की लिए नहींसंबंधित खबरें
ग्रामीण लोगों को हाइवे और दूसरे रास्तों पर किसी ट्रैक्टर-ट्रॉली पर बैठकर यात्रा करते हुए देखना आम बात है। अक्सर ट्रैक्टर-ट्रॉली पर 15-20 लोग बैठे हुए लोग सफर करते हुए दिख जाते हैं। उनके लिए न केवल यह ट्रांसपोर्ट का आसान जरिया है, बल्कि वह पैसों की भी बचत करता है। लेकिन यही लापरवाही हर साल हजारों लोगों के लिए जानलेवा बन जाती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार साल 2021 में ट्रैक्टर पर सवारी के दौरान 5652 लोग घायल हुए । और इसमें से 3899 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। यानी हर रोज 10 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसी तरह 2019 में 3336 और 2018 में 4451 लोगों ने जान गंवाई है। संबंधित खबरें
साल | ट्रैक्टर से हुई सड़क दुर्घटना में मौतें |
2021 | 3899 |
2020 | 3346 |
2019 | 4451 |
शॉर्ट सर्किट को न करें नजरअंदाजसंबंधित खबरें
ऐसा ही हाल शॉर्ट सर्किट का है। जिसे आम तौर पर लोग देख कर भी इग्नोर कर देते हैं। और फिर वहीं लापरवाही बड़े हादसे की वजह बन जाती है। जैसा कि भदोही में हुआ। वहां पर जेनरेटर से निकली चिंगारी ने पांडाल में आग लगा दी और उसकी कीमत 5 लोगों को अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ी। NCRB के आंकड़ो को देखा जाय तो साल 2021 में शॉर्ट सर्किट के 1808 हादसे हुए और इसकी वजह से 1657 लोगों की मौत हो गई।संबंधित खबरें
नियमों का सख्ती से पालन बेहद जरूरीसंबंधित खबरें
अगर ट्रैक्टर और शॉर्ट सर्किट को देखा जाय तो साफ है कि तय नियमों और गाइडलाइन के नहीं पालन से ही हादसे हो रहे हैं। मसलन ट्रैक्टर-ट्रॉली का इस्तेमाल अगर ग्रुप में यात्रा के लिए किया जाय तो निश्चित तौर पर भारी जुर्माना लगाना चाहिए। साथ ही लोगों को भी समझना होगा कि जरा सी बचत कैसे जान गंवाने की वजह बन सकती है। इसी तरह मेले,पांडाल लगाए जाए, तो सरकार द्वारा जारी सुरक्षा मानकों का बेहद कड़ाई से पालन आयोजकों द्वारा किया जाना जरूरी है। इसके अलावा उनका सख्ती से पालन भी जरूरी है। इसके लिए पुलिस और संबंधित विभाग गाइडलाइन जारी करते हैं। जिनको नजरअंदाज करने बड़े हादसे को दावत देने जैसा है।संबंधित खबरें
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
प्रशांत श्रीवास्तव author
करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रि...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited