IEC 2023: अंधेरा छंट चुका है और नए भारत का उदय हो रहा है, इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में बोले राजनाथ सिंह
India Economic Conclave 2023: इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, जब हम लांग टर्म में देखते हैं तो भारत एक रिसर्जेंट सुपरपावर है, जो हमारा था हम उसे ही हासिल कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह
India Economic Conclave 2023: इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में (IEC 2023) में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि आज भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने देश की जीडीपी (GDP) का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत इमर्जिंग सुपरपावर नहीं बल्कि रिसर्जेंट सुपरपावर बनने जा रहा है। अब समय करवट ले रहा है और अंधेरा छंट चुका है।
IEC 2023 में राजनाथ ने कहा, भारत की इकोनॉमी आज तेजी से आगे बढ़ रही जिससे आप वाकिफ हैं। कभी मॉर्गन स्टेनली ने कहा था कि भारत की इकोनॉमी जल्द ही बिखरने वाली है। लेकिन उसके 10 साल बाद वह कह रहे हैं कि 2027 तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी होगी। भारत जल्दी ही जीडीपी में तीसरे स्थान पर पहुंचने वाला है। लेकिन न मैं तीसरे पावर के लिए और न ही इमर्जिंग सुपरपावर को लेकर उत्साहित हूं। मैं भारत को रिसर्जेंट सुपरपावर के रूप में देखता हूं।
भारत एक रिसर्जेंट सुपरपावर है
उन्होंने कहा, जब हम लांग टर्म में देखते हैं तो भारत एक रिसर्जेंट सुपरपावर है, जो हमारा था हम उसे ही हासिल कर रहे हैं। ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब भारत सुपर इकोनॉमी माना जाता था। 17वीं शताब्दी में एक चौथाई व्यापार में भारत का हिस्सा होता था। हम अपनी ही नहीं बल्कि बाहरी देशों की जरूरतें भी पूरी करते थे। तब गोल्ड से ट्रेड होता था, गोल्ड माइिनिंग जहां भी हो, आखिर में ये भारत ही पहुंचता था। दुनिया हमारी वैभव और संपदा देख भारत आती थी। समय के साथ इस पर ग्रहण लग गया। कुछ ऐसी चीजें हुई जिसने हमारे भारत पर ग्रहण लगा दिया।
सेना सीमाओं ही नहीं, संस्कृति-सभ्यता की भी रक्षा करती है
इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव (IEC 2023) में राजनाथ सिंह ने कहा, सेना की कमजोरी और राजनीतिक गुलामी ने हानि पहुंचाई। जब-जब सेना कमजोर हुई, दुश्मन ने हमें नुकसान पहुंचाया। सेना सिर्फ हमारी सीमा ही नहीं, बल्कि संस्कृति और सभ्यता की भी रक्षा करती है। हमारी कोशिश है कि हमारी सेना सशक्त हो, आधुनिक हथियारों से लैस हो, हमारी सेना दोबारा मजबूत बने और फिर से सुपरपावर बने।
समय अब करवट ले रहा है, हम सियासी गुलामी से बाहर आ चुके हैं। पीएम मोदी ने लाल किले से पांच प्रण दिए थे, इनमें से एक था कि गुलामी की मानसिकता को बाहर निकाल फेंकना। अब अंधेरा छंट चुका है और नए भारत का उदय हो रहा है। मैं भारत को इमर्जिंग पावर नहीं बल्कि रिसर्जेंट के रूप में देखता हूं।
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