D-कंपनी और लारेंस गिरोह आए एक साथ, दबदबा-दहशत वापस पाने के लिए दाऊद ने मिलाया बिश्नोई से हाथ
D-Company: जेल में बंद लॉरेंस का एक भाई अनमोल बिश्नोई है जो कि फरार है। रिपोर्ट में पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि लॉरेंस के भाई अनमोल की मुलाकात कुछ दिनों पहले पाकिस्तान से बाहर डी कंपनी के एक सरगना से हुई है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि फरार अनमोल कुछ दिनों पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया और उसके बाद कीनिया में देखा गया।
दाऊद और बिश्नोई एक साथ आ गए हैं।
D-Company: अपने ढहते एवं कमजोर पड़ते काले साम्राज्य को संभालने और उसे नए सिरे से खड़ा करने के लिए अंर्डरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम ने भारत के ही कुख्यात गिरोह से हाथ मिला लिया है। यह गिरोह कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग है। अपराध की दुनिया में दाऊद गिरोह और बिश्नोई की जुगलबंदी हो गई, दोनों साथ आ गए हैं। इस बात का खुलासा हमारे सहयोगी अखबार नवभारत टाइम्स ने किया है। अखबार ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में मुंबई पुलिस के उच्च पदस्थ अधिकारियों के हवाले से दावा किया है कि दोनों गैंग मिलकर काम करने लगे हैं।
देश के बाहर डी-कंपनी से हुई अनमोल बिश्नोई की मुलाकात
लॉरेंस का एक भाई अनमोल बिश्नोई है जो कि फरार है। रिपोर्ट में पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि लॉरेंस के भाई अनमोल की मुलाकात कुछ दिनों पहले पाकिस्तान से बाहर डी कंपनी के एक सरगना से हुई है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि फरार अनमोल कुछ दिनों पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया और उसके बाद कीनिया में देखा गया। यही नहीं, लॉरेंस बिश्नोई के दो और सक्रिय सदस्य गोल्डी बराड़ और कपिल सांगवान भी फरार हैं। बताया जाता है कि ये दोनों भी विदेश में हैं।
बिश्नोई गैंग के जरिए अपनी धाक जमाना चाहता है दाऊद
रिपोर्ट में कहा गया है कि लारेंस बिश्नोई गैंग के साथ आना दाऊद इब्राहिम और डी कंपनी की मजबूरी है। बीते कुछ सालों में एनआईए सहित अन्य जांच एजेंसियां जिस तरह से डी कंपनी के पीछे पडीं उससे मुंबई सहित भारत में दाऊद गिरोह काफी कमजोर हुआ। दाऊद के उगाही, फिरौती और नशे के कारोबार एवं मुंबई में उसके गुर्गों पर जांच एजेंसियों के कसे शिकंजे ने अंडरवर्ल्ड सरगना की धाक एवं दहशत दोनों कमजोर पड़ गई। भाई इकबाल के जेल में होने और बहन हसीना पारकर की मौत के बाद उसके काले साम्राज्य को संभालने वाला कोई नहीं बचा है। ऐसे में भारत में उसे ऐसे ही एक उभरते एवं ताकतवर गिरोह की जरूरत है। डी-कंपनी के लिए बिश्नोई गैंग फायदे का सौदा साबित हुआ है।
लॉरेंस गैंग को पैसों की है जरूरत
रिपोर्ट के मुताबिक दाऊद कंपनी ने बीते समय में बिश्नोई गैंग को काफी पैसा दिया है। दाऊद ने यह रकम उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के जरिए उपलब्ध कराया है। दाऊद को लगता है कि बिश्नोई गैंग के जरिए वह अपना खोया हुआ दबदबा वापस पा सकता है। चूंकि, लॉरेंस अभी जेल में है उसे भी अपना गिरोह चलाने के लिए पैसों की जरूरत है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे में दोनों गिरोह एक दूसरे का फायदा उठाना चाहते हैं।
लॉरेंस के पास करीब 700 शूटर्स
पंजाब में सिद्धू मूसेवाला की हत्या एवं सलमान खान धमकी देने के मामले में लॉरेंस बिश्नोई एवं उसके गैंग का नाम तेजी से उभरा। यह गैंग ताकतवर भी है। दाऊद को लगता है कि लॉरेंस गैंग यदि इसी तरह से तेजी से उभरता गया तो भारत में उसकी बादशाहत खत्म हो जाएगी। ऐसे में दाऊद की एक रणनीति पहले लॉरेंस के साथ दोस्ती कर फिर बाद में उसे खत्म कर देने की भी हो सकती है। लॉरेंस पर अभी 50 से ज्यादा केस हैं। उसके जेल से बाहर आने में अभी काफी वक्त लग सकता है। लॉरेंस जेल से ही अपना गिरोह चलाता रहा है। बताया जाता है कि उसके पास करीब 700 शूटर्स हैं।
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