Dedicated Freight Corridor : डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर अच्छी खबर, मार्च 2024 तक तैयार हो जाएगा इसका 95% हिस्सा

Dedicated Freight Corridor : डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के प्रबंध निदेशक रवींद्र कुमार जैन ने बताया कि ईडीएफसी एवं डब्ल्यूडीएफसी को कवर करने वाले 2843 किलोमीटर वाले संशोधित मार्ग का 95 प्रतिशत हिस्सा मार्च 2024 तक तैयार हो जाएगा। मौजूदा डीएफसी मार्ग का करीब 84 फीसदी मार्ग पहले ही ऑपरेशनल हो गया है।

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार।

Dedicated Freight Corridor : देश के पहले डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को लेकर अच्छी खबर है। बिहार के सोननगर से लेकर पश्चिम बंगाल के अंडाल तक के करीब 400 किलोमीटर के हिस्से को रेल मंत्रालय अब सीधे तौर पर विकसित करेगा। दिलचस्प बात यह है कि इस्टर्न डेडीकेडेट फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) का 1337 किलोमीटर हिस्सा 'ऑपरेशनल' हो गया है और मौजूदा समय में पश्चिमी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा बनकर तैयार है। ईडीएफसी को 51,000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है।

कॉरिडोर के पास विकसित हो रहीं अन्य सुविधाएं

डीएफसी पर कुल लागत 124,000 करोड़ रुपए है। इस परियोजना के तहत पश्चिम भारत में रेल मार्ग एवं मल्टी मोडल पार्क, ट्रेन साइडिंग जैसी अन्य बुनियादी संरचनाएं विकसित की जा रही हैं। रिपोर्टों के मुताबिक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के प्रबंध निदेशक रवींद्र कुमार जैन ने बताया कि ईडीएफसी एवं डब्ल्यूडीएफसी को कवर करने वाले 2843 किलोमीटर वाले संशोधित मार्ग का 95 प्रतिशत हिस्सा मार्च 2024 तक तैयार हो जाएगा। मौजूदा डीएफसी मार्ग का करीब 84 फीसदी मार्ग पहले ही ऑपरेशनल हो गया है।

रेल मंत्रालय द्वारा विकसित हो रहा एक हिस्सा

उन्होंने कहा, 'सोननगर से दानकुनी (बाद में संशोधित कर पश्चिम बंगाल के अंडाल तक) के बीच के हिस्से को रेल मंत्रालय द्वारा विकसित किया जा रहा है। जेएनपीटी से वैत्राणा (मुंबई) मार्ग के 100 किलोमीटर हिस्से पर कई कारणों की वजह से कार्य मंद गति से चल रहा है। हालांकि, 100 किलोमीटर का करीब 50 प्रतिशत हिस्सा वित्तीय वर्ष 24 के अंत तक तैयार हो जाएगा। ईडीएफसी अब शुरू होने के लिए तैयार है।'
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