बहुत बुरे फंसे राहुल गांधी! जिस बयान पर हुई 2 साल की सजा, उसी पर पटना से भी आने वाला है जल्द फैसला
Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी को गुरुवार को मानहानि के एक मामले में सूरत की कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। हालांकि उन्हें जमानत मिल गई है, लेकिन यह तो उनके खिलाफ मामलों की शुरुआत है, अब पटना में भी एक ऐसे ही मामले की सुनवाई अप्रैल में होनी है।
Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बड़ी मुसीबत में फंसते दिख रहे हैं। सूरत की एक अदालत ने जिस मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई है, उसी तरह का एक मामला पटना में भी उनके खिलाफ दर्ज है। इस मामले में भी राहुल गांधी को अगले महीने सुनवाई के लिए उपस्थित होना है।संबंधित खबरें
किसने दर्ज कराई है शिकायतसंबंधित खबरें
पटना में राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी नेता सुशील मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने 'मोदी' उपनाम के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर 2019 में उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया था। सुशील मोदी ने कहा- "पटना के CJM कोर्ट में मैंने भी राहुल गांधी पर "सारे मोदी सरनेम वाले चोर हैं" के मुद्दे पर मानहानि का मुक़दमा दर्ज कर रखा है। जमानत पर हैं। सूरत कोर्ट के समान पटना में भी सजा की पूरी संभावना है।"संबंधित खबरें
क्या है मामले की स्थितिसंबंधित खबरें
NBT के अनुसार पटना में अप्रैल में इस मानहानि के मामले की सुनवाई होनी है। पटना के एमपी एमएलके कोर्ट में इसकी सुनवाई जारी है। राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज इस मानहानि के मामले में 12 अप्रैल को अगली सुनवाई होनी है। अधिवक्ता एसडी संजय के अनुसार 12 अप्रैल कोर्ट में राहुल गांधी को भी उपस्थित होना है।संबंधित खबरें
सजा के बाद क्या बोले राहुलसंबंधित खबरें
सूरत कोर्ट से सजा मिलने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि वो सत्य के मार्ग पर चलते रहेंगे। उन्होंने ट्वीट करके कहा- "मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।"संबंधित खबरें
कांग्रेस भड़कीसंबंधित खबरें
राहुल गांधी को सजा होने के बाद कांग्रेस भड़की हुई है। प्रियंका गांधी से लेकर बाकी कांग्रेस नेताओं ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं बीजेपी इसे लेकर कांग्रेस को नसीहत देते दिख रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सूरत कोर्ट के फैसले को एक सीख के रूप में लेना चाहिए कि शब्द हथियारों से ज्यादा घातक होते हैं।संबंधित खबरें
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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