97 तेजस और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदेगी वायु सेना, 2.23 लाख करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी

Defence Ministry: रक्षा अधिग्रहण परिषद ने आज बड़ा फैसला करते हुए 2.23 लाख करोड़ की लागत वाले प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसमें 97 एलसीए मार्क 1ए तेजस लड़ाकू विमान, 156 LCH प्रचंड हेलिकॉप्टर और 84 Su-30MKI लड़ाकू विमानों का अपग्रेडेशन शामिल है।

Tejas Fighter Jets

तेजस फाइटर जेट्स

Defence Ministry: आने वाले दिनों में भारतीय वायु सेना की ताकत में और भी ज्यादा इजाफा होने वाला है। दरअसल, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने आज बड़ा फैसला करते हुए 2.23 लाख करोड़ की लागत वाले प्रस्तावों को मंजूरी दी है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारती वायु सेना 65 हजार करोड़ की लागत से 97 एलसीए मार्क 1ए तेजस लड़ाकू विमान खरीदने जा रही है।

इसके आलवा 156 LCH प्रचंड हेलिकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को भी रक्षा अधिग्रहण परिषद ने मंजूरी दे दी है। कुछ और रक्षा सौदों को मंजूरी दी गई है, जिसमें 84 Su-30MKI लड़ाकू विमानों के अपग्रेड प्लान भी शामिल है। इन सौदों को मंजूरी मिलने के साथ, यह भारतीय इतिहास में स्वदेशी निर्माताओं को मिलने वाला सबसे बड़ा ऑर्डर होगा।

180 हो जाएगी तेजस विमानों की संख्या

बता दें, तेजस विमानों की खरीद को मंजूरी मिलने के साथ ही वायु सेना द्वारा खरीदे जाने वाले स्वदेशी रूप से विकसित तेजस विमानों की संख्या 180 हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने 2021 में 83 तेजस विमनों की खरीद के लिए एचएएल के साथ 48 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था। वहीं, रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय नौसेना के लिए दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिलने की खबर है। इसकी लागत 40 हजार करोड़ रुपये तक आएगी। यह फैसला तब आय है, जब हिंद महासागार में चीनी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हुई है, जिसने जल क्षेत्र में भारतीय चिंताओं को बढ़ा दिया है।

98% की जाएगी रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता

रक्षा में 'आत्मनिर्भरता' को बढ़ावा देने के लिए घरेलू उद्योगों से 98% प्राप्त किया जाएगा। रक्षा सूत्रों ने बताया एचएएल से हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और हल्के लड़ाकू विमान एमके 1ए की खरीद को मंजूरी मिल गई है। भारतीय नौसेना के सतह प्लेटफॉर्म के लिए मध्यम दूरी की एंटी-शिप मिसाइलों को मंजूरी दी गई। भारतीय फील्ड गन की जगह लेने के लिए टोड गन सिस्टम के अधिग्रहण को मंजूरी दी गई है।

कैबिनेट समिति द्वारा किए जाएंगे अंतिम हस्ताक्षर

बता दें, रक्षा अधिग्रहण परिषद में मंजूरी जरूरत के अनुसार दी गई है। इसके बाद निर्माताओं के साथ नेगोशिएशन के लिए बातचीत होगी। एक बार अंतिम कीमत पर बातचीत हो जाने के बाद सुरक्षा पर फैसले लेने वाली कैबिनेट समिति द्वारा इस सौदे पर अंतिम हस्ताक्षर किए जाएंगे। हालांकि, अंमित रूप से एयरक्राफ्टों के वायु सेना में शामिल होने में कम से कम 10 साल का वक्त लग सकता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited