156 लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीद रहा है भारत, रक्षा मंत्रालय ने HAL से किया 62 हजार 700 रुपये का सौदा; जानें पूरी डिटेल
Defense Deal: एचएएल से रक्षा मंत्रालय 156 लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदेगा। जिसके लिए 62,700 करोड़ रुपये का सौदा किया गया है। एलसीएच भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जो 5,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर संचालन की क्षमता रखता है। आपको इस रिपोर्ट में खास बातें बताते हैं।

भारतीय सेना और वायुसेना के बेड़े में शामिल होगा स्वदेशी लड़ाकू हेलिकॉप्टरों का बेड़ा।
Combat Helicopters Contract: रक्षा मंत्रालय ने 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 62,700 करोड़ रुपये के दो अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पहला अनुबंध भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को 66 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के लिए है और दूसरा भारतीय सेना को 90 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के लिए है।
कब तक पूरी होगी इन हेलीकॉप्टरों की सप्लाई?
इन हेलीकॉप्टरों की सप्लाई अनुबंध होने के तीसरे वर्ष से शुरू होगी और अगले पांच वर्षों में पूरी की जाएगी। एलसीएच भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जो 5,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर संचालन की क्षमता रखता है। इस हेलीकॉप्टर के अधिकतर सामान को भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है और इस खरीद की प्रक्रिया के साथ हेलीकॉप्टर कुल स्वदेशी सामग्री 65 प्रतिशत से अधिक हासिल करने की योजना है।
पायलटों को हवा से हवा में ईंधन भरने की ट्रेनिंग
इसमें 250 से अधिक घरेलू कंपनियां शामिल होंगी, जिनमें से अधिकांश एमएसएमई होंगी और इससे 8,500 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। इस बीच, मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के पायलटों को हवा से हवा में ईंधन भरने का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट (एफआरए) की वेट लीजिंग के लिए मेट्रिया मैनेजमेंट के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर भी साइन किए।
मेट्रिया छह महीने के भीतर एफआरए (केसी135 एयरक्राफ्ट) प्रदान करेगा, जो भारतीय वायुसेना द्वारा वेट लीज पर लिया जाने वाला पहला एफआरए होगा। इन तीन कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने के साथ, 2024-25 के दौरान रक्षा मंत्रालय द्वारा साइन किए गए कुल कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या 193 तक पहुंच गई है, जिनका कुल कॉन्ट्रैक्ट मूल्य 2,09,050 करोड़ रुपये से अधिक है, जो अब तक का सबसे अधिक और पिछले उच्चतम आंकड़े से लगभग दोगुना है। इनमें से 92 प्रतिशत घरेलू उद्योग को दिए गए कॉन्ट्रैक्ट हैं, जिनका कॉन्ट्रैक्ट मूल्य 1,68,922 करोड़ रुपये (81 प्रतिशत) है।
इससे पहले नाग मिसाइल सिस्टम के लिए हुई है डील
गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस) के ट्रैक्ड वर्जन एंटी टैंक हथियार प्लेटफॉर्म की खरीद के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए और फोर्स मोटर्स लिमिटेड और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ सशस्त्र बलों के लिए लगभग 5,000 हल्के वाहनों के लिए एक और सौदा किया, जिसकी कुल लागत लगभग 2,500 करोड़ रुपये है।
'खरीदें- स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित' कैटेगरी के तहत ये कॉन्ट्रैक्ट रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति का हिस्सा हैं।
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