Delhi Budget 2024: दिल्ली सरकार आज पेश करेगी बजट, राम-राज्य की अवधारणा पर होगा आधारित

लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने की संभावना है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अक्सर राम राज्य की अवधारणा के बारे में बात करते रहे हैं।

Arvind Kejriwal

अरविंद केजरीवाल

Delhi Budget 2024: दिल्ली सरकार का सोमवार को विधानसभा में पेश किया जाने वाला वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट ‘राम राज्य’ की अवधारणा पर आधारित होने की संभावना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। आम आदमी पार्टी सरकार के सूत्रों ने रविवार को कहा कि चुनावी वर्ष में बजट में समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ होने की संभावना है। एक सूत्र ने कहा, इस बार बजट ‘राम राज्य’ की अवधारणा पर आधारित होने की संभावना है। यह आप सरकार का 10वां बजट होगा। बजट में राम के सिद्धांतों के अनुरूप समाज के हर वर्ग के लिए प्रावधान किए जाएंगे।

केजरीवाल करते हैं राम-राज्य का जिक्र

लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने की संभावना है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अक्सर राम राज्य की अवधारणा के बारे में बात करते रहे हैं। अपने गणतंत्र दिवस भाषण में उन्होंने कहा था कि आप सरकार ने राम राज्य के 10 सिद्धांतों को अपनाया है और लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, मुफ्त बिजली और पानी प्रदान करने के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।

वित्त मंत्री आतिशी अपना पहला बजट पेश करेंगी

पिछले साल मार्च में कैबिनेट में शामिल होने के बाद दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी अपना पहला बजट पेश करेंगी। सरकार अनधिकृत कॉलोनियों में विभिन्न पहल के लिए बजट में 1,000 करोड़ रुपये आवंटित कर सकती है। 15 फरवरी को शुरू हुआ दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 8 मार्च तक बढ़ा दिया गया था। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आप सरकार द्वारा पेश किया जा रहा दसवां बजट राम राज्य की थीम पर होगा।

अनधिकृत कॉलोनियों के विकास पर नजर

इससे पहले शनिवार को सरकारी अधिकारियों ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों का विकास बजट में एक प्रमुख केंद्र बिंदु होगा और सरकार ऐसी कॉलोनियों के उत्थान के लिए पहल के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दे सकती है, खासकर उनके सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केजरीवाल सरकार लगभग 1,000 करोड़ रुपये के बजटीय पैकेज की घोषणा कर सकती है। अनधिकृत कॉलोनियों के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के साथ-साथ जल आपूर्ति पाइपलाइनों और सीवर नेटवर्क को बढ़ाने को प्राथमिकता दी जाएगी। दिल्ली में लगभग 1,800 अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जिनमें शहर की 30% आबादी रहती है। इन कॉलोनियों के लोगों का वोट काफी अहम है और सियासी दल इनके इर्द-गिर्द रणनीति बनाते हैं।

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