डॉक्टरों की हड़ताल पर दिल्ली AIIMS ने जारी की चेतावनी, 80 प्रतिशत तक घट गई सर्जरी, OPD का भी बुरा हाल

Delhi Doctors Strike: कोलकाता में डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के बाद डॉक्टरों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। देशभर के रेजिडेंट डॉक्टर्स दो दिन से हड़ताल पर हैं। ऐसे में दिल्ली AIIMS का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है। एम्स में सर्जरी में 80 प्रतिशत और भर्ती होने वालों की संख्या में 35 प्रतिशत की कमी आई है।

Delhi Aiims Doctors Strike

दिल्ली AIIMS में धरने पर रेजिडेंंट डॉक्टर्स।

Delhi Doctors Strike: कोलकाता के अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। देशभर के अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया है और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच दिल्ली AIIMS ने विरोध प्रदर्शन को लेकर चेतावनी जारी की है। एम्स की ओर से जारी कार्यालय ज्ञापन में परिसर में किसी भी तरह की हड़ताल, धरना-प्रदर्शन को लेकर आगाह किया गया है।

इस कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि एम्स परिसर या इसके 500 मीटर दायरे में किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन नहीं होगा। इसके साथ ही रेजिडेंट डॉक्टर किसी भी तरह के कार्यालय के कामकाज को प्रभावित नहीं करेंगे। इसमें कहा गया है कि ऐसा न करने पर डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी।

80 प्रतिशत घटी सर्जरी

बता दें, रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से दिल्ली स्थित एम्स में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सोमवार को एम्स में सर्जरी में 80 प्रतिशत और भर्ती होने वालों की संख्या में 35 प्रतिशत की कमी आई। दिल्ली स्थित एम्स के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को कुल 625 मरीज भर्ती किये गये, जिनमें से 409 मुख्य अस्पताल में थे। उन्होंने बताया कि हड़ताल से प्रभावित अन्य सेवाओं में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में पंजीकरण में 20 प्रतिशत की कमी, प्रयोगशाला सेवाओं में 25 प्रतिशत तथा रेडियोलॉजिकल जांच में 40 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। सोमवार को की गई कुल सर्जरी में से 98 बड़ी और 94 छोटी थीं।

सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू

एम्स द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सभी वैकल्पिक भर्ती तत्काल प्रभाव से रोक दिए जाएंगे और हड़ताल समाप्त होने तक मरीजों की केवल आपातकालीन भर्ती ही ली जाएंगी। एम्स आरडीए के महासचिव डॉ. रघुनंदन दीक्षित ने कहा कि आपातकालीन देखभाल जारी रहेगी, ताकि गंभीर रूप से बीमार मरीजों को परेशानी न हो और उन्हें उपचार मिल सके।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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