गांधी और शास्त्री की जयंतीः राजघाट-विजयघाट पहुंचे PM, सिर झुका किया प्रणाम; बोले- बापू के आदर्शों पर खरे उतरें
भारत के इतिहास में दो अक्टूबर का दिन बेहद खास है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को हुआ था। उनके कामों और विचारों ने देश की आजादी और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई। दिल्ली में यमुना के पश्चिमी किनारे पर बापू की समाधि है। काले संगमरमर से बनी इस समाधि पर उनके अंतिम शब्द 'हे राम' लिखा है। वैसे, राजघाट मौजूदा समय में एक बेहतरीन और खूबसूरत उद्यान का स्वरूप ले चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (दो अक्टूबर, 2022) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें नमन किया। बापू की 153वीं जयंती पर वह देश की राजधानी दिल्ली में बने राजघाट पहुंचे।
वहां सभी को नमस्कार करते हुए पीएम ने एंट्री ली और फिर गांधी के समाधि स्थल के पास जाकर सिर झुका नमन किया। उन्होंने इसके बाद समाधि पर फूल अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और फिर 'परिक्रमा' की। पीएम जब राजघाट पहुंचे थे, तो वहां उनके साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी पीछे थे।
पीएम ने राजघाट जाने से पहले बापू को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया था। देखिए, उन्होंने ट्वीट के जरिए कैसे राष्ट्रपिता को याद कियाः
दिल्ली में यमुना के पश्चिमी किनारे पर बापू की समाधि है। काले संगमरमर से बनी इस समाधि पर उनके अंतिम शब्द 'हे राम' लिखा है। वैसे, राजघाट मौजूदा समय में एक बेहतरीन और खूबसूरत उद्यान का स्वरूप ले चुका है। यहां सुंदर फव्वारे और अनेक किस्म के पेड़ हैं। पास ही शांति वन में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की समाधि भी है। भारत आने वाले विदेशी उच्चाधिकारी गांधी को श्रद्धांजलि देने राजघाट जरूर आते हैं।
भारत के इतिहास में दो अक्टूबर बेहद खास दिन रहता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस दिन न सिर्फ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म (दो अक्टूबर 1869) हुआ था, बल्कि शास्त्री भी इसी दिन पैदा हुए थे। पीएम ने बापू के बाद देश के दूसरे पीएम को भी उनके समाधि स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि दी। देखिए, वीडियोः
प्रधानमंत्री ने इसके अलावा शास्त्री के जीवन से जुड़ा एक वीडियो भी अपने टि्वटर हैंडल से शेयर किया था। शास्त्री के समाधि स्थल को विजय घाट के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इससे पहले शनिवार को गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर नागरिकों को बधाई दी और कहा कि यह सभी के लिए शांति, समानता और सांप्रदायिक सद्भाव के मूल्यों के लिए खुद को पुन: समर्पित करने का अवसर है।
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Abhishek Gupta author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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