दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसा: हाई कोर्ट ने जांच CBI को सौंपी, पुलिस और MCD से पूछा- बच्चों की मौत कैसे हुई?

हाई कोर्ट ने कहा कि हम वो सवाल उठा रहे हैं जो किसी के भी मन में आएगा। इसमें स्पष्ट चूक हैं, ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें कुछ भाईचारा शामिल है। अभी तक फाइलें जब्त नहीं की गई हैं, अधिकारियों से पूछताछ नहीं गई है।

Delhi coaching deaths

दिल्ली कोचिंग में छात्रों की मौत पर सुनवाई

Delhi Coaching Centre Deaths: दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग संस्थान में हुई तीन छात्रों की मौत को लेकर आज दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने राजेंद्र नगर में तीन यूपीएससी अभ्यर्थियों की मौत की जांच सीबीआई को सौंप दी। अदालत ने घटना की गंभीरता और लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार में संभावित संलिप्तता का हवाला देते हुए यह फैसला लिया। इसी के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजेंद्र नगर में अतिक्रमण, अनधिकृत निर्माण को हटाने का आदेश दिया।
याचिका में दिल्ली में यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की मांग की गई है। कार्यवाही के दौरान एमसीडी कमिश्नर और दिल्ली पुलिस डीसीपी मौजूद थे। एक याचिकाकर्ता के वकील ने घटना में एक पुलिस चौकी की संलिप्तता को उजागर करते हुए आरोप लगाया कि इस स्थिति में दिल्ली पुलिस की मिलीभगत हो सकती है।

अदालत ने जताई नाराजगी

हाई कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों की आलोचना करते हुए इस बात पर नाराजगी जताई कि उसके आदेशों को लागू नहीं किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने जवाब दिया कि अगर ऐसी धारणा बन रही है तो हम माफी मांगते हैं। यह धारणा प्रेस रिपोर्ट के कारण है। इस पर हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को वैज्ञानिक तरीके से जांच करने को कहा और किसी बाहरी दबाव में न आने की सलाह दी।

अदालत में क्या-क्या हुआ?

सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आप पुलिस है कि क्या है, आपने फाइल क्यों नहीं सीज किया, आपको इस मामले में गंभीर होना चहिए, आप आज की सुनवाई से पहले कल एक्शन में आए। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, हमें जानना है कि बच्चों की मौत कैसे हुई, क्या डूबने से हुई, पानी भरने से हुई, क्या करंट लगने से मौत हुई, उनकी मौत की वजह क्या थी? बेसमेंट भरने में एक-दो मिनट का समय लगा होगा। बच्चों को बेसमेंट से बाहर निकलने के लिए पर्याप्त समय मिल सकता था, लेकिन क्या हुआ? दरवाजा बंद हो गया? हमें नहीं पता।
इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा, बेसमेंट में दो प्रवेश द्वार हैं। सीढ़ियों के अंत में एक दरवाजा था। जब पानी अंदर आया, तो वहां छात्र थे। लगभग 20-30 छात्र मौजूद थे। कोई बायोमेट्रिक नहीं था। दिल्ली पुलिस ने कहा कि हम मामले की गंभीरता से जांच करेंगे, हम लोगों से पूछताछ करेंगे और उन्हें जांच के लिए बुलाएंगे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि 29 जुलाई को हमने एमसीडी को नोटिस देकर दस्तावेज मांगे और पूछा कि आखिरी बार कब नाले की सफाई हुई थी। हमने उनसे पूछा कि क्या यह आउटसोर्स किया गया था? दिल्ली पुलिस ने कहा कि बेसमेंट में इंट्री के दो रास्ते थे, थोड़ी ही देर में बीट ऑफिसर वहां पहुंच गया था और उस समय गर्दन पर पानी आ चुका था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वह मामले की जांच को सीबीआई (CBI) को ट्रांसफर करेगा। हाई कोर्ट ने कहा कि हम वो सवाल उठा रहे हैं जो किसी के भी मन में आएगा। इसमें स्पष्ट चूक हैं, ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें कुछ भाईचारा शामिल है। अभी तक फाइलें जब्त नहीं की गई हैं, अधिकारियों से पूछताछ नहीं गई है। कोई जवाबदेही नहीं है। क्या लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है, कुछ जवाबदेही तो होनी चाहिए। कुछ संगठन कानून से परे चले गए हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हमने के मामले में पहले कहा था कि एमसीडी ( MCD) को भंग कर देंगे, आपके पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे नहीं है। यह मामला 2016 से चल रहा है। हम लगातार आदेश पारित कर रहे हैं लेकिन उनपर अमल नहीं होता है। निज़ामुद्दीन में अवैध निर्मांण को लेकर हमने जांच सीबीआई को सौपी थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा अभी एक व्यक्ति पेरिस ओलंपिक से वापस आया है और उसका घर गिराया जा रहा है। मासूम लोगों पर कार्रवाई की जा रही है, जो बिल्डर हैं उनपर कुछ नहीं होता है।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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