जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद को अदालत से झटका, कस्टडी पैरोल याचिका खारिज

राशिद के लिए अधिवक्ता ने 27 फरवरी को दायर आवेदन में इस आधार पर राहत मांगी गई थी कि राशिद एक सांसद हैं और उन्हें अपना सार्वजनिक कर्तव्य पूरा करने के लिए आगामी सत्र में भाग लेने की आवश्यकता है।

Engineer Rashid

इंजीनियर रशीद

Engineer Rashid: दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर राशिद की आगामी संसद सत्र में भाग लेने के लिए हिरासत में पैरोल की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने याचिका खारिज कर दी और राशिद की नियमित जमानत याचिका पर आदेश 19 मार्च को सूचीबद्ध किया। 3 मार्च को अदालत ने एनआईए से याचिका पर जवाब देने को कहा था, जिसके बाद दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सांसद होने के नाते मांगी राहत

राशिद के लिए अधिवक्ता ने 27 फरवरी को दायर आवेदन में इस आधार पर राहत मांगी गई थी कि राशिद एक सांसद हैं और उन्हें अपना सार्वजनिक कर्तव्य पूरा करने के लिए आगामी सत्र में भाग लेने की आवश्यकता है। इंजीनियर राशिद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था। राशिद की नियमित जमानत याचिका फिलहाल अदालत में लंबित है। संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल को समाप्त होगा।

10 सितंबर को राशिद को मिली अंतरिम जमानत

न्यायाधीश ने 10 सितंबर को राशिद को अंतरिम जमानत दी थी ताकि वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार कर सकें। राशिद ने 27 अक्टूबर को तिहाड़ जेल के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। राशिद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं, जब उसे 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए ने गिरफ्तार किया गया था।

राशिद की जमानत याचिका पर जल्द फैसला लेने का निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने 24 फरवरी को सत्र न्यायाधीश को मामले में राशिद की जमानत याचिका पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट ने 24 दिसंबर, 2024 के आदेश के मद्देनजर निर्देश पारित किए, जिसके तहत सत्र न्यायालय ने जिला न्यायाधीश से अनुरोध किया था कि वह मामले को सांसदों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए नामित अदालत में स्थानांतरित कर दें।

राशिद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को वित्तपोषित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एनआईए ने मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन सहित कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। मलिक को आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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