केजरीवाल आज नहीं होंगे ED के सामने पेश, बोले- नोटिस गैरकानूनी, BJP के कहने पर भेजा गया
ईडी ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को बुलाया है। सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इसी साल फरवरी में गिरफ्तार किया था।
अरविंद केजरीवाल
Delhi Excise policy: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होना है। सीबीआई ने लगभग छह महीने पहले इस मामले में केजरीवाल से लगभग नौ घंटे पूछताछ की थी। ईडी ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को बुलाया है।
केजरीवाल ने भेजा जवाब
पेशी को लेकर केजरीवाल ने ईडी को जवाब भेजा है। केजरीवाल ने कहा है कि नोटिस गैर कानूनी और राजनीति से प्रेरित है। बीजेपी के कहने पर नोटिस भेजा गया है। नोटिस इसलिए भेजा गया ताकि मैं चार राज्यों में चुनाव प्रचार न कर पाऊं। ईडी तुरंत नोटिस वापस ले। सीएम केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि वह आज ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। वह आज पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ मध्य प्रदेश के सिंगरौली में रोड शो करेंगे।
मनीष सिसोदिया फरवरी में गिरफ्तार
सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इसी साल फरवरी में गिरफ्तार किया था। ईडी ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इस सप्ताह की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सीबीआई ने कथित शराब घोटाले में अप्रैल में केजरीवाल से पूछताछ की थी, जिस दौरान उनसे लगभग 56 सवाल पूछे गए थे। पूछताछ के बाद केजरीवाल ने पूरे मामले को मनगढ़ंत और आप को खत्म करने का प्रयास करार दिया था।
खत्म हो चुकी आबकारी नीति की जांच
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति की जांच कर रहे हैं, जिसमें कथित तौर पर कुछ शराब डीलरों का पक्ष लिया गया था, हालांकि इस आरोप का आप ने खंडन किया है। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले साल जुलाई में नीति बनाने और इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
क्या-क्या आरोप लगे
अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट में विभिन्न कथित अनियमितताओं का जिक्र किया गया है, जिसमें नीति के तहत कोविड-19 के चलते बिक्री के प्रभावित होने के नाम पर खुदरा लाइसेंसधारियों को 144 करोड़ रुपये की छूट और हवाईअड्डा क्षेत्र के लिए एक सफल बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपये का किया गया रिफंड शामिल है, जो वहां शराब की दुकान खोलने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल करने में विफल रहा था। उन्होंने कहा कि एक और आरोप यह है कि थोक लाइसेंसधारियों का कमीशन किसी चीज के बदले में पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया।
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