ईडी की दलीलों के सामने मनीष सिसोदिया हुए पस्त, जांच एजेंसी ने किए अहम खुलासे

मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया के रिमांड पेपर में प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने कई अहम खुलासे किये। ED ने कहा कि अभी तक की जांच और उपलब्ध सामग्री के आधार पर यह स्पष्ट है कि मनीष सिसोदिया आबकारी नीति बनाने की प्रक्रिया में शमिल थे। मनीष सिसोदिया के बयान में विसंगतियों का हवाला भी दिया।

Manish Sisodia Arrest updates: दिल्ली आबकारी मामले में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अदालत से ईडी ने 10 दिन की रिमांड की अपील की थी जिसके बाद ईडी को सात दिन की रिमांड मिली। इसके साथ ही सीबीआई द्वारा गिरफ्तार मामले में बेल अर्जी पर सुनवाई टल गई है। अदालत के सामने ईडी और मनीष सिसोदिया के वकीलों के बीच जबरदस्त जिरह हुई। सिसोदिया के वकील ने कहा कि इस बात के क्या सबूत हैं कि उनके मुवक्किल ने पैसे लिए तो ईडी के वकीलों से सभी तारों को एक साथ जोड़ते हुए कहा कि रिश्वत लेने की चेन बहुत लंबी है। उनके पास इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि सिसोदिया की मिलीभगत थी।

संबंधित खबरें

ईडी ने अदालत के सामने रखे ये तथ्य

संबंधित खबरें

जब मनीष सिसोदिया पूछा गया कि थोक विक्रेता के लाभ मार्जिन को 12% पर रखने के लिए तर्क और गणना क्या थी? तो सिसदिया ने कहा कि चूंकि 2020-21 की पिछली नीति में 5% लाभ मार्जिन की गणना सही थी नहीं थी, इसलिए GOM ने उसको 12% तक बढ़ा दिया, ED ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने अपने बयान में कहा कि 12% लाभ मार्जिन का निर्णय तत्कालीन उत्पाद आयुक्त को ड्राफ्ट बनाने में शामिल करने के लिए दिया गया था, हालांकि तत्कालीन उत्पाद आयुक्त ने पहले ही बयान में कहा था कि GOM या मनीष सिसोदिया से थोक विक्रेताओं को 12% का लाभ मार्जिन रखने के लिए कोई चर्चा या निर्देश नहीं था। ED ने कहा यह स्पष्ट रूप से सिसोदिया द्वारा दिया गया झूठा बयान है।

संबंधित खबरें
End Of Feed