Delhi excise policy: केसीआर की बेटी के कविता का नाम आया सामने, तेलंगाना में जंग होगी तेज
Delhi excise policy:दिल्ली की नई आबकारी नीति में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता का नाम भी सामने आया है। ईडी ने अपनी जांच में साउथ ग्रुप का जिक्र किया है।
के कविता, तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी
दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई नई आबकारी नीति(Delhi excise policy) वैसे तो अब अमल में नहीं है। लेकिन चर्चा में इस वजह से क्योंकि सीबीआई(CBI) ने इसकी जांच की और चार्जशीट फाइल की। सीबीआई की चार्जशीट में आरोपी बनाए गए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया(Manish Sisodia) का नाम नहीं है। लेकिन सीबीआई का कहना है कि अभी किसी को क्लीन चिट नहीं दी गई है। इन सबके बीच तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता का नाम सामने आया है। बता दें कि के कविता सांसद भी हैं। दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय(enforcement Directorate) ने के कविता के नाम का जिक्र किया है। गुरुग्राम के व्यापारी अमित अरोरा की गिरफ्तारी के बाद साउथ ग्रुप का नाम सामने आ रहा था। आरोप है कि साउथ ग्रुप(South Group) के जरिए आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं को 100 करोड़ की रिश्वत दी गई थी।
साउथ ग्रुप का हुआ था जिक्र
बताया जा रहा है कि ईडी की जांच में यह जानकारी सामने आई कि आप नेताओं के जरिए विजय नायर ने 100 करोड़ की रकम साउथ ग्रुप से ली थी और उस ग्रुप में केसीआर की बेटी के कविता शामिल थीं। इसी तरह की जानकारी अमित अरोरा के बयान में थी।हालांकि के कविता का नाम सामने आने के बाद टीआरएस की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।बीजेपी तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ रही है, लिहाजा इसे सियासी तौर पर भी देखा जा रहा है। बता दें कि केसीआर ने हाल ही में अपनी पार्टी का नाम टीआरएस से बदलकर बीआरएस किया था।
जांच को आप बताती है सियासी
सीबीआई की चार्जशीट में इसमें कहा गया है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए सहित कम से कम 36 आरोपियों ने कथित घोटाले में हजारों करोड़ रुपये की रिश्वत के सबूत छिपाने के लिए 170 फोन नष्ट कर दिए या उनका इस्तेमाल किया।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, श्री सिसोदिया और आप ने अनौचित्य के आरोपों को खारिज कर दिया है और आरोपों को भाजपा द्वारा बदले की कार्रवाई के रूप में बताया है, जो ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी सरकार और एजेंसियों को नियंत्रित करती है।रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की शराब नीति का कथित इरादा कार्टेलाइजेशन को रोकने और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को प्रोत्साहित करने का था, लेकिन कथित तौर पर पिछले दरवाजे के माध्यम से कार्टेलाइजेशन को बढ़ावा दिया।इसने कथित तौर पर अत्यधिक थोक और भारी खुदरा लाभ मार्जिन प्रदान किया और अवैध गतिविधियों को प्रोत्साहित किया।
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