Delhi Excise Scam में तीसरी गिरफ्तारी: अभिषेक बोइनपल्ली को CBI ने धरा, आरोप- जांच में न कर रहे थे मदद
Delhi Excise Scam Case: कहा जा रहा है कि बोइनपल्ली की दिल्ली की नई शराब नीति में अहम भूमिका रही है। उन्हें कोर्ट में भी पेश किया जाएगा, जिसके बाद सीबीआई रिमांड की मांग कर सकती है।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि बोइनपल्ली जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी की गई। यह भी कहा जा रहा है कि वह साउथ की लॉबी के लिए काम करते थे। सीबीआई की मानें तो बोइनपल्ली की दिल्ली की नई शराब नीति में अहम भूमिका रही है। उन्हें कोर्ट में भी पेश किया जाएगा, जिसके बाद सीबीआई रिमांड की मांग कर सकती है।
बोइनपल्ली हैदराबाद के एक व्यापारी हैं। अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाष को इस बारे में बताया कि बोइनपल्ली दक्षिणी भारत के कुछ शराब कारोबारियों के लिए कथित तौर पर काम करते थे। उन्हें रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। सीबीआई ने पाया कि वह कुछ महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देने से बच रहा है, जिसके बाद उन्हें देर रात हिरासत में ले लिया गया।
सीबीआई की प्राथमिकी में अभिषेक का नाम बतौर आरोपी दर्ज नहीं है, लेकिन उनके करीबी सहयोगी व साझेदार अरुण रामचंद्र पिल्लई का नाम बतौर आरोपी दर्ज है। ‘रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज’ (आरओसी) के अनुसार, दोनों ने इस साल जुलाई में ‘रॉबिन डिस्ट्रीब्यूशन एलएलपी’ की स्थापना की थी।
अधिकारियों ने बताया कि आरोप है कि पिल्लई ने ‘इंडोस्पिरिट’ के समीर महेंद्रू से रिश्वत ली थी, जिसे उन्हें दिल्ली के कारोबारी एवं आम आदमी पार्टी (आप) के नेता विजय नायर तक पहुंचाना था। सीबीआई ने आबकारी मामले में नायर को पिछले महीने गिरफ्तार किया था। यह मामला राष्ट्रीय राजधानी में शराब के लाइसेंस देने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है, जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आरोपी हैं।
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