दिल्ली सरकार और निगम दोनों नाकाम- MCD स्कूलों में किताबों की कमी पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने पर उठे सवाल
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री पद छोड़ने का फैसला अरविंद केजरीवाल का निजी फैसला है। कोर्ट ने कहा कि अनुपलब्धता या फिर नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी का गठन न होना, इन दोनों ही वजह से बच्चों की शिक्षा में रुकावट नहीं होनी चाहिए।
एमसीडी केस्कूलों में किताबों की कमी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई केजरीवाल सरकार को फटकार
Delhi High Court: दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में किताबों और यूनिफॉर्म समेत कई बुनियादी चीजों की कमी होने पर दिल्ली हाईकोर्ट से सरकार और एमसीडी दोनों को कड़ी फटकार लगाई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि एमसीडी के स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध न कर पाने में दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम दोनों ही नाकाम रहे हैं। यह छात्रों के शिक्षा पाने के संविधानिक अधिकार का हनन है।
केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने पर भी उठे सवाल
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री पद छोड़ने का फैसला अरविंद केजरीवाल का निजी फैसला है। कोर्ट ने कहा कि अनुपलब्धता या फिर नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी का गठन न होना, इन दोनों ही वजह से बच्चों की शिक्षा में रुकावट नहीं होनी चाहिए। राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक हित के चलते कोई भी संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति लंबे समय तक जनता की पहुंच से बाहर नहीं रह सकता है।
सौरभ भारद्वाज के बयान से दिखी केजरीवाल सरकार की गलती
मंत्री सौरभ भारद्वाज के कोर्ट में दिए गए बयान से साफ है की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गैर मौजूदगी में सरकार के कामकाज में ठहराव आ गया है। गिरफ्तार होने के बावजूद सीएम पद पर केजरीवाल के बने रहने के फैसले का मतलब ये नहीं है कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो। उनके मौलिक अधिकारों से उन्हें दूर रखा जाए।
दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी कमिश्नर को आदेश देते हुए कहा कि 5 करोड़ की सीमा से परे जाकर स्कूली छात्रों को किताब, यूनिफॉर्म मुहैया कराया जाए।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
गौरव श्रीवास्तव author
टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पे...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited