दिल्ली के अस्पतालों में कौन कर रहा था घटिया दवाओं की आपूर्ति? सरकार ने CBI जांच का किया अनुरोध

Request For CBI Inquiry: दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में घटिया दवाओं की आपूर्ति की सीबीआई जांच का गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार के सूत्रों ने कहा कि दिल्ली सरकार मामले में जांच लंबित रहने तक स्वास्थ्य सचिव को निलंबित करने की सिफारिश उपराज्यपाल वीके सक्सेना से करेगी।

Substandard Medicines CBI Inquiry

गृह मंत्रालय से सीबीआई जांच का अनुरोध।

Delhi News Today: दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर उससे यहां राज्य सरकार के अधीन अस्पतालों में घटिया दवाओं की आपूर्ति की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का अनुरोध किया। आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार के सूत्रों ने कहा कि दिल्ली सरकार मामले में जांच लंबित रहने तक स्वास्थ्य सचिव को निलंबित करने की सिफारिश उपराज्यपाल वीके सक्सेना से करेगी।

'खतरे में पड़ सकती है लोगों की जान'

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस मामले को लेकर स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पिछले सप्ताह दिल्ली के उपराज्यपाल सक्सेना ने ऐसी दवाओं की कथित आपूर्ति की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जो ‘गुणवत्ता मानक जांच’ में विफल हो गयी थीं तथा जिनसे ‘लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।’

गृह मंत्रालय को भेजा गया पत्र

सतर्कता निदेशालय द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गये पत्र में कहा गया है, 'मुझे यह कहने का निर्देश दिया गया है कि ‘खराब गुणवत्ता’ वाली ऐसी दवाओं की आपूर्ति पर कार्रवाई केंद्रीय खरीद एजेंसी (सीपीए) तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि पूरी आपूर्ति शृंखला की जांच करने की जरूरत है और उस जांच में विनिर्माताओं से दवा खरीदने वाले एवं उन दवाओं को अस्पतालों (मरीजों) तक पहुंचाने वाले आपूर्तिकर्ता की भूमिका की भी जांच हो।'

सीबीआई को जांच सौंपने का अनुरोध

उसमें कहा गया है, 'मामले की गंभीरता तथा ‘घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं’ की आपूर्ति के सिलसिले में कंपनी की मंशा से पर्दा हटाने की जरूरत है।' उसमें कहा गया है कि आगे की जांच के लिए मामले को सीबीआई को सौंपे जाने का अनुरोध किया जाता है। अधिकारियों के अनुसार, जो घटिया दवाएं पायी गयी हैं, उनमें फेफड़े और मूत्रनली के संक्रमण के उपचार में काम आने वाली दवा ‘सेफालेक्सिन’ शामिल है।

उपराज्यपालज को सौंपी गई सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी प्रयोगशालाओं को भेजे गए दवाओं के 43 नमूनों में से तीन परीक्षण में विफल रहे और 12 रिपोर्ट लंबित थीं। इसके अलावा, निजी प्रयोगशालाओं को भेजे गए अन्य 43 नमूनों में से पांच विफल रहे।

(भाषा)

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