दिल्ली सरकार कोचिंग सेंटरों पर लगाएगी लगाम, जल्द लाएगी कानून; आतिशी ने किया एलान

Coaching Centre In Delhi: दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने बुधवार को कहा प्रेसवार्ता कर कहा कि दिल्ली सरकार शहर में कोचिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए एक कानून लाएगी। राजेंद्र नगर में एक संस्थान के बाढ़ ग्रस्त बेसमेंट में तीन IAS उम्मीदवारों के डूबने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार कानून बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों और विभिन्न कोचिंग हब के छात्रों की एक समिति का भी गठन करेगी।

Atishi Marlena

दिल्ली सरकार कोचिंग सेंटरों पर लगाम लगाने के लिए लाएगी कानून

तस्वीर साभार : भाषा
Rau Coaching Centre: दिल्ली सरकार शहर में संचालित कोचिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए कानून लाएगी। कैबिनेट मंत्री आतिशी ने बुधवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राजधानी के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में बीते हफ्ते एक कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में बारिश का पानी भरने के कारण तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी। आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कानून बनाने के लिए सरकार एक समिति गठित करेगी, जिसमें सरकारी अधिकारी और विभिन्न कोचिंग केंद्रों के अभ्यर्थी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि कानून में बुनियादी ढांचे, शिक्षकों की योग्यता, शुल्क विनियमन और भ्रामक विज्ञापनों के प्रसार पर रोक लगाने के संबंध में प्रावधान होंगे। जनता की प्रतिक्रिया भी मांगी जाएगी।

MCD ने कोचिंग सेंटरों पर की कार्रवाई

आतिशी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (MCD) ने कानूनों का उल्लंघन कर बेसमेंट का इस्तेमाल करने वाले कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि राजेंद्र नगर, मुखर्जी नगर, लक्ष्मी नगर और प्रीत विहार में 30 कोचिंग सेंटर के बेसमेंट सील कर दिए गए हैं, जबकि 200 अन्य कोचिंग सेंटर को नोटिस जारी किए गए हैं। आतिशी ने कहा कि ओल्ड राजेंद्र नगर में हुई घटना की मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट अगले छह दिनों में आएगी। उन्होंने कहा कि अगर इस घटना में किसी भी अधिकारी को दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इमारत के अवैध इस्तेमाल के कारण ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना हुई।
आतिशी के मुताबिक, जांच से यह भी पता लगेगा कि किस अधिकारी ने 'राउ आईएएस स्टडी सर्कल' में बेसमेंट के अवैध इस्तेमाल के बारे में एक आईएएस अभ्यर्थी की ओर से एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) को भेजी गई शिकायत को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट जांच से यह भी पता लगाया जाएगा कि कौन-सा अधिकारी शिकायत पोर्टल का प्रभारी था, जहां शिकायत अपलोड की गई थी और क्यों तथा कैसे शिकायत को नजरअंदाज किया गया। ग्वालियर के एक सिविल सेवा अभ्यर्थी ने सोमवार को दावा किया था कि उसने संस्थान के बेसमेंट का अवैध इस्तेमाल करने के बारे में एमसीडी से शिकायत की थी और 15 व 22 जुलाई को इस संबंध में पत्र भेजे थे, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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