राहुल की नागरिकता: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा उसका रुख, स्वामी की याचिका में क्या-क्या दलीलें?

छह अगस्त, 2019 को स्वामी ने मंत्रालय को एक पत्र लिखा था और ब्रिटिश सरकार के सामने गांधी के उस स्वैच्छिक खुलासे का जिक्र किया था, जिसमें कहा गया था कि राहुल ब्रिटिश नागरिक हैं और वहां का पासपोर्ट रखने के हकदार हैं।

राहुल गांधी की नागरिकता का मामला

Rahul Gandhi's citizenship- दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा जिसमें गृह मंत्रालय को राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता पर निर्णय लेने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने मौखिक रूप से केंद्र सरकार की ओर से पेश प्रॉक्सी वकील से मामले में निर्देश प्राप्त करने को कहा।

अगली सुनवाई 13 जनवरी, 2025 को तय

पीठ ने कहा, हम कोई भी आदेश पारित करने से पहले सरकार के वकील की सहायता लेना चाहते हैं। अदालत शुरू में याचिका पर नोटिस जारी करने की इच्छुक थी। अदालत को केंद्र के प्रॉक्सी वकील ने बताया कि मामले में पहले सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया है इसलिए उन्होंने मामले में नए वकील को नियुक्त करने के लिए कुछ समय मांगा है। इसके बाद पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 13 जनवरी, 2025 की तारीख तय की।

स्वामी की याचिका में क्या दलीलें

अधिवक्ता सत्य सभरवाल के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि छह अगस्त, 2019 को स्वामी ने मंत्रालय को एक पत्र लिखा था और ब्रिटिश सरकार के सामने राहुल के उस स्वैच्छिक खुलासे का जिक्र किया था, जिसमें कहा गया था कि वह (राहुल) ब्रिटिश नागरिक हैं और वहां का पासपोर्ट रखने के हकदार हैं। स्वामी ने अपनी याचिका में कहा कि कांग्रेस नेता ने भारतीय नागरिक होते हुए भी संविधान के अनुच्छेद नौ और भारतीय नागरिकता अधिनियम का उल्लंघन किया है और इस प्रकार वे भारतीय नागरिक नहीं रह जाएंगे।

End Of Feed