भारत में OpenAI पर मुकदमा, दिल्ली हाई कोर्ट ने कॉपीराइट उल्लंघन में मांगा जवाब
Delhi HC summons ChatGPT company OpenAI: एएनआई ने अपने मुकदमे में 2 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। जबकि ओपनएआई ने आरोपों का खंडन किया है। ओपनएआई ने कहा कि सितंबर में एएनआई मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सैन फ्रांसिस्को स्थित कंपनी को जारी किए गए कानूनी नोटिस के बाद, अक्टूबर 2024 तक, ओएआई ने एएनआई के डोमेन को ब्लॉक कर दिया है।
Delhi HC summons ChatGPT company OpenAI
Delhi HC summons ChatGPT company OpenAI: भारत में अमेरिका की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी ओपनएआई (OpenAI) मुश्किलों में पड़ गई है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने चैटजीपीटी (ChatGPT) डेवलपर ओपनएआई से एक मुकदमे में जवाब मांगा है। बता दें कि समाचार एजेंसी एएनआई ने ओपनएआई पर आरोप लगाएं हैं कि एआई कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ट्रेनिंग के लिए अपने कॉपीराइट कंटेंट का उपयोग किया है।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा दायर एक मुकदमे में ओपनएआई से जवाब मांगा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि एआई फर्म ने एआई प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए अपनी कॉपीराइट कंटेंट का अनधिकृत उपयोग किया है। अदालत ने कहा कि मौजूदा मुकदमे में शामिल मुद्दों की सीमा को देखते हुए इस अदालत का मानना है कि एक एमिकस क्यूरी की नियुक्ति की जानी चाहिए। उम्मीद है कि अदालत बाद में अपने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आदेश में नियुक्त एमिकस क्यूरी की जानकारी का खुलासा करेगी। बता दें कि भारत में ओपनएआई पर इस तरह का यह पहला मुकदमा है।
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OpenAI पर क्या है आरोप और क्या है ANI की मांग
एएनआई ने अपने मुकदमे में 2 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है और मांग की है कि अदालत एक स्थायी और अनिवार्य हिदायत दे, जिससे ओएआई (OAI) या उनकी ओर से काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को एएनआई के काम को सेव करने, पब्लिश करने और किसी भी तरह से उपयोग करने से रोका जा सके।
OpenAI ने आरोपों का किया खंडन
एएनआई के कॉपीराइट उल्लंघन का ओपनएआई ने खंडन किया है। ओपन एआई के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल ने न्यायमूर्ति अमित बंसल की अदालत को बताया कि सितंबर में एएनआई मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सैन फ्रांसिस्को स्थित कंपनी को जारी किए गए कानूनी नोटिस के बाद, अक्टूबर 2024 तक, ओएआई ने एएनआई के डोमेन को ब्लॉक कर दिया है। इसका मतलब यह है कि यह अपने बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) को ट्रेंड करने के लिए डोमेन के कंटेंट का इस्तेमाल नहीं कर रहा है।
कॉपीराइट उल्लंघन और ANI का तर्क
एएनआई ने अपने वकील सिद्धांत कुमार मारवाह के माध्यम से ओपनएआई पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया है और "कार्रवाई के तीन व्यापक कारण" बताए हैं। इसमें एएनआई की सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कॉपीराइट कंटेंट का उपयोग ओएआई द्वारा अपने एलएलएम को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाना शामिल है। मारवाह ने तर्क दिया कि कार्रवाई का दूसरा कारण यह है कि एक बार चैटजीपीटी पर एक प्रश्न डालने के बाद, यह "मेरे कॉपीराइट कंटेंट के समान या काफी हद तक समान (कंटेंट) प्रदान करता है जिसका उपयोग आपने (ओएआई) अपने सॉफ्टवेयर को प्रशिक्षित करने के लिए किया है।" एजेंसी का तीसरा आरोप है कि चैटजीपीटी द्वारा भ्रामक रिस्पॉन्स दिया जा रहा है और गलत तरीके से इसका क्रेडिट भी एएनआई को दिया जा रहा है।
ओपनएआई ने बताया कैसे काम करता है AI टूल
ANI के आरोप पर सिब्बल ने एआई टूल के काम करने के तरीके के बारे में बताया। उन्होंने तर्क दिया, "यह मॉडल इस तरह से काम करता है, जब कोई प्रश्न किया जाता है, तो सॉफ्टवेयर कई सारे सोर्स से इंफॉर्मेशन पढ़ता है लेकिन डेटाबेस तक नहीं पहुंचता है।" उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि एएनआई की जानकारी डेटाबेस पर स्टोर है।
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विशाल मैथिल, टाइम्स नाउ नवभारत ( Timesnowhindi.com) में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर नवंबर 2023 से जुड़ें हैं। इससे पहले वह दैनिक भास्कर, अमर उजाला मध्यप्रद...और देखें
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