UPSC छात्रों के मौत मामले में दिल्ली सरकार को फटकार, HC ने पूछा-MCD के कितने अधिकारी गिरफ्तार हुए? अधिकारी तलब

UPSC Aspirants Death Case : दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि राजधानी के पूरे प्रशासनिक ढांचे की दोबारा जांच की जरूरत है। कोर्ट ने अगली सुनवाई में एमसीडी के कमिश्नर, जिले के डीसीपी और जांच अधिकारी (IO) को पेश होने का आदेश दिया है। साथ ही MCD से हलफनामा दाखिल कर अब तक उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा है।

दिल्ली हाई कोर्ट में यूपीएससी छात्रों की मौत मामले की हुई सुनवाई।

मुख्य बातें
  • बीते शनिवार को दिल्ली के ओल्ड राजिंदर इलाके में स्थित राव कोचिंग सेंटर में हुई घटना
  • कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अवैध रूप से लाइब्रेरी चल रही थी, छात्र इसमें पढ़ाई करते थे
  • बेसमेंट में अचानक बारिश का पानी भरने से यहां पढ़ाई कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई

UPSC Aspirants Death Case : दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में सिविल सिवा की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत मामले की सुनवाई बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार, नगर निगम और अन्य एजेंसियों को जमकर फटकार लाई। छात्रों की मौत पर अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि फ्रीबिज के चक्कर में एमसीडी जैसी संस्थाएं दीवालियां हो चुकी हैं। कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है। नया इंफ्रा स्ट्रक्चर तैयार नहीं हो पा रहा है।

रेवड़ी बांटने की राजनीति पर विचार हो-कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली नगर निगम को रेवड़ी बांटने की राजनीति पर भी विचार करना चाहिए। देश की राजधानी दिल्ली की आबादी 3 करोड़ 30 लाख पहुंच चुकी है जबकि इसका आधारभूत ढांचा 6 से 7 लाख लोगों के हिसाब से है। जब तक दिल्ली के आधारभूत ढांचे में बदलाव नहीं किया जाएगा तो इतनी बड़ी जनसंख्या दिल्ली में कैसे रह सकेगी। कोर्ट ने कहा, 'दिल्ली में सब गड़बड़ है। एमसीडी के अधिकारियों को ये नहीं पता है कि कौन सा नाला कहा है। कोई भविष्य की योजना नहीं बना सकते हैं।

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