देशद्रोह मामले में शरजील इमाम को मिली जमानत, 2020 से था जेल में बंद, दिल्ली दंगे का भी है आरोपी

भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम को लगभग साढ़े चार साल बाद जमानत मिली है। वह 2020 से जेल में बंद था और दिल्ली दंगे का भी आरोपी है।

Shirjeel Imam

शरजील इमाम को जमानत

Sharjeel Imam: दिल्ली हाई कोर्ट ने देशद्रोह मामले में शरजील इमाम को जमानत दे दी है। उसने जनवरी 2020 से हिरासत में बिताए गए समय के आधार पर वैधानिक जमानत की मांग की थी। वह दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में भी आरोपी है। इससे पहले दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने उसकी वैधानिक जमानत की याचिका ठुकरा दी थी।

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जमानत के बावजूद जेल से रिहाई नहीं

जमानत के बावजूद शरजील इमाम 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित षड्यंत्र मामले में शामिल होने के कारण जेल में ही रहेंगे, जिसमें यूएपीए के आरोप भी शामिल हैं। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की डिवीजन बेंच ने शरजील इमाम की जमानत याचिका मंजूर कर ली। साथ ही बेंच ने निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें उन्हें वैधानिक जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

शरजील इमाम का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम ने मामले में इस आधार पर वैधानिक जमानत मांगी की थी कि वह अधिकतम सात साल की सजा में से चार साल पहले ही जेल में बिता चुके हैं। मुस्तफा ने कहा कि इमाम ने संभावित सात साल की सजा में से चार साल और सात महीने की कैद पहले ही पूरी कर ली है। हालांकि, दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक रजत नायर ने याचिका का विरोध करते हुए कहा, "शरजील इमाम ने आधी सजा पूरी करने की शर्त पूरी नहीं की है।

शरजील इमाम का मामला सीआरपीसी की धारा 436ए के अंतर्गत आता है, जिससे वह वैधानिक जमानत के लिए अयोग्य हो जाते हैं। रजत नायर ने शरजील इमाम को लंबे समय तक मुकदमे से पहले हिरासत में रखने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा कहा कि 2022 में इमाम के अनुरोध पर मुकदमे पर रोक लगा दी गई थी। इन आपत्तियों के बावजूद, कोर्ट ने आरोप तय करने की तारीख और गवाहों की जांच समेत विभिन्न महत्वपूर्ण तारीखों को ध्यान में रखते हुए जमानत दे दी।

भड़काऊ भाषणों के लिए हुई गिरफ्तारी

शरजील के भड़काऊ भाषणों के लिए उसके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था, जिसमें कोर्ट ने वैधानिक जमानत दे दी है। भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम को लगभग साढ़े चार साल बाद जमानत मिली है। उसने इस आधार पर वैधानिक जमानत मांगी थी कि वह अधिकतम सात साल की सजा में से चार साल पहले ही जेल में बिता चुका है।

शाहीन बाग विरोध-प्रदर्शन का प्रमुख चेहराफरवरी में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील इमाम को वैधानिक जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद शरजील ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जनवरी 2020 में दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और दिल्ली के जामिया इलाके में शरजील इमाम के कथित भड़काऊ भाषणों के संबंध में देशद्रोह के आरोप तय करने का आदेश दिया था। जेएनयू के पूर्व छात्र और शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन का प्रमुख चेहरों में से एक शरजील इमाम को 2020 में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में ही बंद था। उस पर दिल्ली दंगे की साजिश रचने का भी आरोप है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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