पत्नी का गैर-सामंजस्यपूर्ण रवैया मानसिक क्रूरता: पति के पक्ष में तलाक का आदेश

दंपति का विवाह 2001 में हुआ था और 16 साल साथ रहने के बाद वे अलग हो गए थे। पति ने वकील रावी बीरबल के माध्यम से पत्नी पर क्रूरता का आरोप लगाया, वहीं पत्नी ने दावा किया कि पति और उसके परिवार ने दहेज मांगा था।

पत्नी का गैर-सामंजस्यपूर्ण रवैया मानसिक क्रूरता- दिल्ली हाईकोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो- Pixabay)

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पत्नी के तालमेल नहीं बैठाने के रवैये के कारण मानसिक क्रूरता सहने पर पति के पक्ष में तलाक का आदेश दे दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कुछ हासिल होने वाला नहीं है।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को जारी फैसले में पति की याचिका पर तलाक से इनकार करने के एक कुटुम्ब अदालत के आदेश को रद्द कर दिया। पति की अपील को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा- "जीवनसाथी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला अनुचित और निंदनीय आचरण मानसिक क्रूरता हो सकती है।"

पीठ में न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा भी शामिल रहीं। पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच मनमुटाव, एक वैवाहिक रिश्ते में होने वाला आम मनमुटाव नहीं है बल्कि व्यापक रूप से देखा जाए तो ये पति के प्रति क्रूरता पूर्ण कृत्य हैं। अदालत ने यह भी कहा कि दोनों के बीच शादी के पहले 14 साल में यदि कोई कानूनी विवाद नहीं हुआ तो इसका मतलब यह नहीं है कि सब कुछ बहुत बढ़िया चल रहा था । बल्कि इससे केवल यही पता चलता है कि पति ने किसी न किसी तरीके से रिश्ते को बचाए रखने की कोशिश की।

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