Yasin Malik: NIA की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट का यासीन मलिक को नोटिस, 'टेरर फंडिंग केस मामला

एनआईए ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि श्रीनगर में चार वायुसेना के अधिकारियों की हत्या और केंद्रीय मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण में भी यासीन मलिक शामिल था

मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण में भी यासीन मलिक शामिल था

दिल्ली हाईकोर्ट ने आतंकवाद के वित्त पोषण (Terror Funding) के एक मामले में अलगाववादी नेता यासीन मलिक ( Yasin Malik) को मौत की सजा दिए जाने के अनुरोध वाली राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की याचिका पर मलिक को सोमवार को एक नोटिस जारी किया। मलिक फिलहाल उम्रकैद की सजा काट रहा है।न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल एवं न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने मलिक को नौ अगस्त को उसके समक्ष पेश करने के लिए वारंट भी जारी किया। एनआईए की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि मामले को 'दुर्लभतम' मानते हुए, आतंकवाद और पृथकतावादी गतिविधियों में लिप्त आरोपी को मौत की सजा दी जानी चाहिए ।

मेहता ने कहा कि मलिक ने भारतीय वायुसेना के चार अधिकारियों की 'सनसनीखेज' हत्या की और यहां तक कि तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी का अपहरण कराया, जिसके कारण चार खूंखार अपराधियों को रिहा कर दिया गया, जिन्होंने मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमले की साजिश रची।

'जिसमें मौत की सजा के विकल्प का प्रावधान है'

अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'यह ध्यान में रखते हुए कि इस याचिका में इकलौते प्रतिवादी यासीन मलिक ने भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के तहत आरोपों पर लगातार जुर्म कुबूल किया है,जिसमें मौत की सजा के विकल्प का प्रावधान है। हम उसे नोटिस जारी करते हैं....जो जेल अधीक्षक द्वारा उसे दिया जाएगा।' आदेश में कहा गया कि अगली सुनवाई में उसे पेश करने के लिए वारंट जारी किया जाए। अदालत ने एनआईए के उस आवेदन पर भी मलिक को नोटिस जारी किया जिसमें मौजूदा अपील को "फिर से दाखिल" करने में देरी को माफ करने की मांग की गई थी।

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