दिल्ली हाईकोर्ट ने सांसद राशिद इंजीनियर की याचिका पर NIA को जारी किया नोटिस, जानें क्या है माजरा
MP Rashid Engineer's plea in Terror Case: बारामूला से सांसद और टेरर फंडिंग मामले में आरोपी रशीद इंजीनियर की नियामित जमानत का मामले में अदालत ने सुनवाई की। दिल्ली हाई कोर्ट ने राशिद इंजीनियर की याचिका पर NIA को नोटिस जारी किया। दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सांसद राशिद इंजीनियर की याचिका पर एनआईए से मांगा जवाब
Court News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में जमानत देने के मुद्दे पर जम्मू कश्मीर के सांसद राशिद इंजीनियर की याचिका पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति विकास महाजन ने एजेंसी से अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को तय की। विधायक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने दलील दी कि उनकी जमानत याचिका काफी समय से निचली अदालत में लंबित है और उन्होंने उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि या तो वह इसका शीघ्र निपटारा करे या मामले पर खुद ही फैसला करे।
राशिद इंजीनियर की याचिका पर एनआईए से मांगा जवाब
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘नोटिस जारी कर रहे हैं। जवाब/स्थिति रिपोर्ट दाखिल होने दें।’’ पिछले साल 24 दिसंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) चंदर जीत सिंह ने राशिद की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उनसे लंबित जमानत याचिका पर फैसला सुनाने का आग्रह किया गया था। सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने कहा कि मौजूदा चरण में वह केवल विविध आवेदन पर ही फैसला कर सकते हैं, नियमित जमानत याचिका पर नहीं। जिला न्यायाधीश ने मामले को सुनवाई के लिए एएसजे को वापस भेज दिया। एएसजे अदालत ने जिला न्यायाधीश से अनुरोध किया कि वह मामला सांसदों के मामलों की सुनवाई के लिए नामित अदालत में स्थानांतरित कर दें, क्योंकि राशिद अब सांसद हैं।
'तीन महीने हो गए जमानत पर कोई फैसला नहीं लिया गया'
राशिद इंजीनियर ने अर्जी दाखिल कर निचली अदालत को उसकी जमानत याचिका पर फैसला लेने या हाई कोर्ट द्वारा उस की जमानत पर फैसला लेने की मांग की है। राशिद के वकील ने कहा कि निचली अदालत ने उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अगस्त 2024 में आदेश सुरक्षित रखा था। राशिद के वकील ने कहा निचली अदालत ने अभी तक उसकी ज़मानत पर फैसला नहीं क्योंकि कि अदालत का कहना है कि उसके पास एमपी/एमएलए क्षेत्राधिकार नहीं है। राशिद के वकील ने कहा कि तीन महीने हो गए जमानत पर कोई फैसला नहीं लिया गया है, संसद सत्र शुरू होने वाला है, 25 जून 2024 को MP बना लेकिन उससे पहले मैं MLA था।
NIA द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से तिहाड़ में बंद
एनआईए के वकील ने बृहस्पतिवार को कहा कि एजेंसी पहले ही सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत को एनआईए मामलों को देखने वाली अदालत के रूप में नामित करने के बारे में लिख चुकी है। राशिद 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए हैं। वह 2017 के आतंकवाद-वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। एनआईए और ईडी के मामलों में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख और 26/11 मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन के नेता सैयद सलाहुद्दीन और अन्य के नाम शामिल हैं।
ईडी ने एनआईए की प्राथमिकी के आधार पर आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया, जिसमें उन पर ‘‘सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने’’ और कश्मीर घाटी में संकट पैदा करने का आरोप लगाया गया था।
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