K Kavitha का क्या होगा? दिल्ली के आबकारी नीति केस में पहुंचीं ED दफ्तर, तेलंगाना में लगे BJP को घेरने वाले पोस्टर

इस बीच, बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डीके अरुणा ने शुक्रवार को कहा- कविता का यह प्रदर्शन उनको मिले ईडी के समन से ध्यान भटकाने का महज एक दांव-पेंच है। तेलंगाना में महिलाओं के खिलाफ ढेर सारे अत्याचार और अपराध हो रहे हैं, पर उन्होंने उस पर कभी एक शब्द भी नहीं बोला।

k kavitha

Delhi Lquor Policy Case में ईडी ऑफिस पहुंचने के बाद BRS एमएलसी के कविता।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में शनिवार (11 मार्च, 2023) को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी नेता के.कविता प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष हाजिर हुईं। वैसे, उनके पिता और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने इस बाबत आशंका जताई कि ईडी बेटी को गिरफ्तार कर सकती है।

ईडी के सामने पेशी से एक रोज पहले शुक्रवार (10 मार्च, 2023) को देश की राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को पास कराने (संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में, जो 13 मार्च से चालू हो छह अप्रैल को खत्म होगा) की मांग को लेकर छह घंटे की भूख हड़ताल की। 12 सियासी दलों के नेता उनके इस अनशन में सपोर्ट करने पहुंचे, मगर कांग्रेस की ओर से कोई नहीं पहुंचा।

कविता ने कहा, ‘‘सभी दल इस बारे में बातें तो करते हैं, पर कोई भी विधेयक को पारित कराने के लिए कदम नहीं बढ़ा रहा है।’’ उन्होंने यह भी कहा- साल 1996 से लेकर अब तक कई सियासी दलों ने इस बिल को लाने की कोशिश की, पर यह पास न हो सका। मेरा वादा है कि इस बिल के पेश होने और इसे मंजूरी मिलने तक हम इस विरोध-प्रदर्शन को जारी रखेंगे।

केंद्र पर बनाएं दबाव- पार्टियों से कविता की अपीलउन्होंने इस दौरान सभी सियासी दलों से अपील की कि वे इस बिल को पारित कराने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं। नेत्री के मुताबिक, मोदी सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और ऐसे में वह इस बिल को आसानी से पारित करा सकती है। इस बीच, उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी आग्रह किया कि वह इस विषय में दिलचस्पी दिखाएं और महिलाओं के साथ खड़ी हों।

...तो इन दलों के नेता पहुंचे कविता को सपोर्ट करनेमार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नरेश गुजराल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सुभासिनी अली, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अंजुम जावेद मिर्जा, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की शमी फिरदौस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के श्याम रजक, समाजवादी पार्टी (सपा) की पूजा शुक्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सीमा मलिक और कई नेता पहुंचे और उन्होंने अपना समर्थन दिया।

बिल पेश बार-बार हुआ, पर लंबे अरसे से ठंडे बस्ते मेंदरअसल, महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में औरतों के लिए 33% सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। 12 सितंबर 1996 को सबसे पहले संयुक्त मोर्चा सरकार ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया था। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने भी इस विधेयक को लोकसभा के पटल पर रखा था, पर यह तब भी पारित नहीं हो सका था। मई 2008 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की पहली सरकार ने एक बार फिर यह विधेयक पेश हुआ, जिसे राज्यसभा ने एक स्थाई समिति के पास भेज दिया था। साल 2010 में राज्यसभा ने महिला आरक्षण विधेयक पर मुहर लगा दी, जिसके बाद इसे लोकसभा की मंजूरी के लिए भेजा गया और तब से यह विधेयक ठंडे बस्ते में है।

ऐक्शन में एजेंसियांः कविता से पहले कौन-कौन बने निशाना?वैसे, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी से पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और इस केंद्रीय एजेंसी की ओर से चार से अधिक राजनेताओं के खिलाफ ऐक्शन लिया जा चुका है। 10 मार्च को लालू परिवार के यहां ईडी की रेड हुई थी। नौ मार्च को ईडी ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था, जबकि सात तारीख को उनसे पूछताछ की गई थी। इसी दिन लालू से सीबीआई ने सवाल-जवाब किए थे और एक रोज पहले छह मार्च को राबड़ी से पूछताछ (सीबीआई की ओर से) की गई थी और 26 फरवरी, 2023 को सिसोदिया को सीबीआई ने अरेस्ट किया था। (एएनआई, पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)

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अभिषेक गुप्ता author

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