Delhi Liquor Policy: CBI मामले में CM केजरीवाल को झटका, 8 अगस्त तक बढ़ी न्यायिक हिरासत
Arvind Kejriwal: आबकारी नीति घोटाला से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में आज CBI केस में न्यायिक हिरासत खत्म होने पर उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने सीबीआई की मांग पर केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी है।
सीबीआई मामले में अरविंद केजरीवाल को झटका, न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ी
- CM केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ी
- CM केजरीवाल को मनी लॉड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिल चुकी है अंतरिम जमानत
- दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है CBI मामले से जुड़ी जमानत याचिका
Arvind Kejriwal: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी है। कथित शराब घोटाले से संबंधित केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के एक मामले में केजरीवाल को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया। यह फैसला केजरीवाल की पिछली न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद आया है, जो पहले आज खत्म होने वाली थी। इससे पहले 18 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें उन्होंने जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने वकीलों से दो अतिरिक्त कानूनी मुलाकात की मांग की थी। उनकी याचिका का जेल अधिकारियों और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के वकीलों ने विरोध किया था।
सीएम केजरीवाल की ओर से दायर आवेदन हुआ खारिज
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अरविंद केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता पेश हुए। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1 जुलाई को केजरीवाल को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के जरिए अपने वकीलों से दो अतिरिक्त मुलाकात की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर आवेदन को खारिज कर दिया।
31 जुलाई को होगी BRS नेता के कविता के मामले में सुनवाई
वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता की याचिका पर सुनवाई के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की, जिसमें उन्होंने दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उन्हें सीबीआई हिरासत में भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय के रोस्टर में बदलाव के कारण न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने मामले को अपने बोर्ड से मुक्त कर दिया है। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने मामले को उचित पीठ के समक्ष 31 जुलाई के लिए तय किया है।
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बता दें, के कविता ने सीबीआई मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अपनी याचिका में कहा कि सीबीआई मामले में उनकी गिरफ्तारी और कारावास की ओर ले जाने वाली पूरी कार्यवाही कानून के लिए अभिशाप है और उन मौलिक सिद्धांतों का उल्लंघन है जिनके आधार पर जांच एजेंसी के साथ-साथ न्यायालय को एक ऐसे व्यक्ति के संबंध में प्रदत्त शक्तियों का परस्पर प्रभाव पड़ता है जो पहले से ही किसी अन्य (ईडी) मामले में हिरासत में है, जिसके परिणामस्वरूप संविधान के अनुच्छेद 21 और 22 (1) और (2) के तहत याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है, इसके अलावा ऐसी कार्रवाई दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के किसी प्रावधान या प्रक्रिया द्वारा समर्थित नहीं है।
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