'न समय पर क्लासेज चलती हैं, न ही करिकुलम है', मेडिकल स्टूडेंट्स का AIIMS प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन

AIIMS doctor Protest: देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) के स्टूडेंट बीते 20 दिनों से धरने पर हैं। स्टूडेंटस का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन एम्स प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। इससे वे हताश और निराश हैं।

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एम्स में डॉक्टरों का प्रदर्शन।

मुख्य बातें
  • एम्स में बीते 20 दिनों से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं
  • ओपेमेट्री के छात्रों की शिकायत प्रशासन से है, उनकी मांगें नहीं सुनी जा रही हैं
  • स्टूडेंट्स का दावा है कि कक्षाएं समय पर नहीं चल रही हैं, करिकुल भी नहीं है
AIIMS doctors Protest: देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) के स्टूडेंट बीते 20 दिनों से धरने पर हैं। स्टूडेंटस का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन एम्स प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। इससे वे हताश और निराश हैं। स्टूडेंट्स ने कहा कि वे ओपेमेट्री की पढ़ाई करते हैं लेकिन न ही उनकी क्लासेज चल रही हैं और न हीं कोई टीचर उन्हें पढ़ाने के लिए आते है। उनका दावा है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जो करिकुलम तैयार किया है उसे भी लागू नहीं किया गया है। छात्र अलग-अलग राज्यों से पढ़ाई करने के लिए आते हैं, उन्हें छात्रावास की सुविधा नहीं है। यहां महिला सुरक्षा का भी सवाल है।

प्रशासन लाठीचार्ज कराने की धमकी दे रहा-अनिल

एम्स के दूसरे साल के छात्र अनिल यादव ने कहा कि वे लोग बीते 20 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन कोई भी उनकी बात नहीं सुन रहा है। अनिल ने कहा कि आज भी एक बैठक हुई और इसी तरह की दो से तीन बैठकें पहले भी हो चुकी हैं लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। हमें प्रताड़ित किया जा रहा है और प्रदर्शन खत्म करने के लिए धमकी दी जा रही है। कहा जा रहा है कि प्रदर्शन समाप्त नहीं हुआ तो लाठी चार्ज होगा। एम्स में अभी करीब 50 पुलिसकर्मी मौजूद हैं। यादव ने प्रशासन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि इससे छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।

यहां महिला सुरक्षा का मुद्दा भी है-आशा

वहीं, मेडिकल फर्स्ट इयर की स्टूडेंट आशा चौधरी ने कहा कि हम बीते 20 दिनों से कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन हमारी बातें नहीं सुनी जा रही हैं। हम ओपेमेट्री के लिए कॉलेज चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारी क्लासेज समय पर नहीं होती हैं। हमारा कोई करिकुलम नहीं है। यहां महिलाओं की सुरक्षा का भी मुद्दा है। जब हम पहली बार यहां आए तो हमें हॉस्टल नहीं मिला हमें बाहर किसी और जगह रुकना पड़ा था।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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