केजरीवाल के स्टालिन भी 'अच्छे दोस्त'! केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आठ दलों को कर चुके लामबंद, समझें- पूरा प्लान

Delhi Ordinance Row: आप के राष्ट्रीय संयोजक एक जून, 2023 की देर शाम झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे, जहां वह दो जून को वहां के सीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से भेंट करेंगे। दिल्ली सीएम के साथ इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी पहुंचे हैं।

delhi ordinance row

केंद्र के अध्यादेश के मामले को लेकर केजरीवाल कई नेताओं से मिल चुके हैं। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Delhi Ordinance Row Latest Update in Hindi: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रमुख एमके स्टालिन भी अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अच्छे दोस्त बन गए हैं। ऐसा तब हुआ है, जब आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक केजरीवाल विपक्षी दलों को केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ एकजुट करने में लगे नजर आए। गुरुवार (एक जून, 2023) को दिल्ली सीएम इसी सिलसिले में चेन्नई (तमिलनाडु) पहुंचे जहां, उन्होंने स्टालिन से भेंट की। स्टालिन ने केजरीवाल को इस दौरान अपना ‘‘अच्छा दोस्त’’ करार दिया और कहा कि अध्यादेश का विरोध करने के मसले पर उनके बीच हुई चर्चा उपयोगी रही।

तमिलनाडु CM से मिलने पहुंचे केजरीवालः मंथन के बाद बोले स्टालिन- केंद्र के अध्यादेश का DMK करेगी पुरजोर विरोध

स्टालिन ने केंद्र पर गैर-भाजपा शासित राज्यों में संकट पैदा करने का आरोप लगाया। कहा कि डीएमके राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के लिए लाए गए केंद्रीय अध्यादेश का कड़ा विरोध करेगी। उन्होंने इसके साथ ही दावा किया कि केंद्र विधिवत निर्वाचित सरकारों को स्वतंत्र रूप से काम करने से रोक रही है।

अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है यह अध्यादेश- अरविंदकेजरीवाल ने मुताबिक, ‘‘इस अध्यादेश का संसद में सामूहिक रूप से विरोध किया जाना चाहिए क्योंकि यह अलोकतांत्रिक, संघीय ढांचे के खिलाफ और असंवैधानिक है।’’ उन्होंने अध्यादेश का विरोध करने के लिए विपक्षी दलों के एकसाथ आने को 2024 के लोकसभा चुनाव का ‘सेमीफाइनल’ बताया। दरअसल, केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल करने के लिए गैर-भाजपा दलों के नेताओं से संपर्क करते नजर आए हैं, ताकि इसकी जगह लेने के लिए संसद में विधेयक लाए जाने पर केंद्र उसे पारित नहीं करा सके। आम आदमी पार्टी चाहती है कि यह बिल संसद के उच्च सदन राज्य सभा में निरस्त करा दिया जाए, जिसके लिए फिलहाल वह अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।

किसे-किसे कर चुके हैं लामबंद?
  • नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (यू) (JDU)
  • लालू-तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता जल (RJD)
  • ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC)
  • उद्धव ठाकरे की शिवसेना (Shivsena - UBT)
  • शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)
  • के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (BRS)
  • सीताराम येचुरी के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया [CPI (M)]
  • एमके स्टालिन की द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK)

क्या है पूरा माजरा? समझिए, सरल भाषा में

केंद्र ने आईएएस और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए 19 मई को अध्यादेश जारी किया था। यह अध्यादेश उच्चतम न्यायालय की ओर से दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और जमीन से जुड़ी सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण सौंपने के बाद आया। अध्यादेश जारी किए जाने के छह महीने में केंद्र को इसकी जगह लेने के लिए संसद में एक विधेयक लाना होगा। टॉप कोर्ट के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापना उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

End of Article
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited