'केजरीवाल महलों में सो रहे, हमें सैलरी नहीं मिल रही', CM आवास के बाहर छलका शिक्षकों का दर्द; जानें सारा माजरा

Delhi News: दिल्ली में सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) शिक्षकों ने सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर देर रात विरोध प्रदर्शन तक किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि केजरीवाल और यहां की शिक्षा मंत्री 500 मीटर की दूरी पर आराम से अपने कमरों में और महलों में सो रहे हैं, हमें सैलरी नहीं मिली है।

दिल्ली में एसएसए शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन।

SSA Teachers Protest: सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार देर रात तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान हाथों में बैनर लिए एकत्रित शिक्षकों ने दिल्ली सरकार से अपने लिए न्याय मांगा। इस मौके पर प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने अपना दर्द बयां किया।

'महलों में सो रहे केजरीवाल, हमें सैलरी नहीं मिली'

दिल्ली के सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरने पर बैठी महिला शिक्षकों ने कहा, 'आज हम महिला शिक्षक होते हुए भी खुले आसमान के नीचे अनशन पर बैठे हुए हैं और केजरीवाल और यहां की शिक्षा मंत्री 500 मीटर की दूरी पर आराम से अपने कमरों में और महलों में सो रहे हैं। हमें सैलरी नहीं मिली है, बीते दो साल से हम दिक्कतों का सामना करके जीवन यापन कर रहे हैं।'

'बिना सैलरी के अपना घर चलाकर दिखाएं CM और मंत्री'

उन्‍होंने कहा, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री बिना सैलरी के अपना घर चलाकर दिखाएं। हम लोग मरने पर मजबूर हो गए हैं, किराए के मकान में रहते हैं, किराया भी नहीं दे पा रहे हैं। हमारे पास किराए देने की अब हैसियत नहीं रही है। हमारा कोर्ट का ऑर्डर भी आया था कि टीजीटी को पीआरटी में कन्वर्ट नहीं कर सकते। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश को ना मानते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नियमों को नजरंदाज किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री इतनी डिक्टेटरशिप में आ गए हैं कि उन्‍होंने हमें टीजीटी से प्राइमरी टीचर बनाकर एमसीडी में ट्रांसफर कर दिया है, सिर्फ यह दिखाने के लिए कि दिल्ली नगर निगम में टीचरों की कोई कमी नहीं है और सब कुछ सुचारु रूप से चल रहा है, जबकि असलियत इन सब के उलट है।'

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