दिल्ली सेवा बिल LS में पासः ओवैसी बोले- ये संविधान के खिलाफ, केजरीवाल ने कहा- ये लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक
Delhi Services Bill Row: दरअसल, आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ग्रुप-ए अधिकारियों के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ टकराव है। केंद्र ने मई में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया, जिसने दिल्ली में ‘‘सेवाओं’’ का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलट दिया था।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)
Delhi Services Bill Row: संसद के निचले सदन यानी कि लोकसभा में गुरुवार (तीन अगस्त, 2023) को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक, 2023’ (दिल्ली सेवा बिल) पारित हो गया। गृह मंत्री अमित शाह के जवाब के बाद निचले सदन ने इस संबंध में पहले लागू अध्यादेश को अस्वीकार करने के कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के सांविधिक संकल्प को नामंजूर कर दिया और विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।
हालांकि, इसके पारित होने के बाद विपक्ष के नेताओं ने इसे लेकर अपनी नाखुशी और असंतोष जाहिर किया। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह संविधान के खिलाफ है, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास दिल्ली सेवा विधेयक के पक्ष में एक भी वाजिब तर्क नहीं है।
दिल्ली सीएम ने बिल पेश होने के बाद पहली प्रतिक्रिया में ट्वीट किया था, ‘‘आज लोकसभा में अमित शाह को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले विधेयक पर बोलते सुना। विधेयक का समर्थन करने के लिए उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है। बस इधर-उधर की फ़ालतू बातें कर रहे थे। वह भी जानते हैं, वह गलत कर रहे हैं। ये दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है। उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला विधेयक है।’’
हालांकि, शाह ने कहा कि आप सरकार की ओर से इस बिल का विरोध करने का मकसद विजिलेंस को नियंत्रण में लेकर ‘बंगले’ का और भ्रष्टाचार का सच छिपाना है और ऐसे में सभी दलों को देश और दिल्ली के भले को ध्यान में रखना चाहिए। 1993 के बाद दिल्ली में कभी कांग्रेस और कभी भाजपा की सरकार आईं। अनेक पार्टियों की सरकार रही, मिली जुली सरकारें भी रहीं। मगर राष्ट्रसेवा और जनसेवा करने में किसी को भी कोई दिक्कत नहीं आई।
दरअसल, यह विधेयक दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा। आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ग्रुप-ए अधिकारियों के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ टकराव है। केंद्र ने मई में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया, जिसने दिल्ली में ‘‘सेवाओं’’ का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलट दिया था।
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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