संसद में गूंजेगा दिल्ली की जहरीली हवा का मुद्दा, कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने की मतभेद भुलाकर चर्चा की मांग
सांसद ने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए। जिस तरह से चीन और अन्य देश ब्लू स्काई और अन्य मुहिम के साथ प्रदूषण पर कंट्रोल कर रहे हैं, हमे भी राजनीतिक बयानबाजी से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है।
सांसद रंजीता रंजन
Delhi's pollution issue in Parliament: आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा हैं। संसद में जहां राजनीतिक मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष के टकराव की पूरी संभावना है वही दिल्ली के प्रदूषण का मुद्दा भी आज संसद में गूंजेगा। कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने जीरो आवर और रूल 176 के तहत चर्चा की मांग की है। उन्होंने टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत करते हुए कहा कि ढाई-तीन घंटे का समय चर्चा के लिए मिलता है। मैं चाहती हूं कि पक्ष और विपक्ष छोड़ कर इस मुद्दे पर सभी को साथ आना चाहिए।
गैस चैंबर बनी हुई है दिल्ली
सांसद रंजीता ने कहा, दिल्ली देश की राजधानी है लेकिन ये गैस चैंबर बनी हुई है। मुझे चिंता होती है, स्कूल के बच्चों के लिए, नौकरी पर जा रहे लोगो के लिए। हम गुप्त रूप से बीमार हो रहे हैं। अस्थमा ले रहे है, कैंसर ले रहे हैं। आंखों में जलन है लेकिन सब चुपचाप हैं। सिर्फ एक दूसरे पर दोषारोपण करते हैं।
सबसे बड़ी वजह गाड़ियां
उन्होंने कहा, हम पराली-पराली करते हैं, दिल्ली-पंजाब-हरियाणा करते हैं, जबकि समाधान ये नहीं है। सबसे बड़ी वजह वाहन हैं। WHO की रिपोर्ट के अनुसार 70 लाख लोग हर साल प्रदूषण से मर रहे हैं। 19 हजार लोग रोजाना मर रहे हैं। 50 प्रतिशत दिल्ली में प्रदूषण वाहन से है। 30 प्रतिशत कंस्ट्रक्शन से है, दिल्ली के आस-पास थर्मल पॉवर है, इससे प्रदूषण होता है, कूड़े का ढेर है जिससे मीथेन निकलता है उससे प्रदूषण होता है। हम जिंदा रहेंगे तो ही पैसे कमाएंगे।
सांसद ने कहा, दिल्ली में एक कपल है जिन्होंने अपने घर का AQI 15 कर लिया था। एक्वाफोनिक फार्मिंग में मत्स्य पालन, वार्मिक कंपोस से अपने घर का AQI कम किया है। इसका मतलब इसका समाधान है सिर्फ इच्छाशक्ति होनी चाहिए। हम और आप सब चिंतित हैं, अस्थायी समाधान इसका हल नही है। बच्चे स्कूल जाते हैं, लोग अपनी नौकरी पर बाइक से जाते हैं। राजनीतिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए। जिस तरह से चीन और अन्य देश ब्लू स्काई और अन्य मुहिम के साथ प्रदूषण पर कंट्रोल कर रहे हैं, हमे भी राजनीतिक बयानबाजी से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है।
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13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियास...और देखें
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