Free Sanitary: स्कूलों में मुफ्त 'सैनेट्री पैड' दिए जाने की मांग, डॉक्टर जया ठाकुर की याचिका पर सरकारों को नोटिस
free sanitary pads in schools: सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को मुफ्त के सेनिट्री नैपकिन दिए जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र समेत सभी सरकारों को नोटिस भेजा है।
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को मुफ्त के सेनिट्री नैपकिन
सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर जया ठाकुर ने जनहित याचिका के जरिए ये मांग की थी कि कक्षा 6 से 12वीं तक सरकारी स्कूल में जाने वाली लड़कियों के लिए मुफ्त सैनेट्री पैड के साथ ही अलग शौचालय की व्यवस्था की जाए। याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 21 a के तहत 11 से 18 साल की लड़कियों को शिक्षा का अधिकार तो हासिल है लेकिन आर्थिक कठिनाइयों, अभिवावकों की अशिक्षा और जानकारी के अभाव में उन्हें पीरियड्स के दौरान सैनेट्री पैड नहीं मिल पाता है।
इसके बदले में लड़कियां माहवारी के दौरान गंदे कपड़े और पानी का इस्तेमाल करती हैं और गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाती हैं।पेशे से डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता जया ठाकुर ने अपनी याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि स्कूलों में लैंगिक समानता बनाए रखने के लिए सैनेट्री पैड मुफ्त में वितरित करने को आदेश दिया था।
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील वरुण ठाकुर ने सुनवाई के दौरान एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्या और स्कूल में अलग शौचालय न होने की वजह से देश भर में करीब 2 करोड़ 30 लड़कियां पढ़ाई बीच में छोड़ देती हैं।
स्कूली लड़कियों की शिक्षा और उनके स्वास्थ्य को लेकर दाखिल इस याचिका में मुख्यता तीन बड़ी मांगे की गई हैं-
1. मासिक धर्म से जुड़े अंधविश्वास और उसके चलते महिलाओं पर थोपे जाने वाली पाबंदियों को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाए।
2. दूसरा ग्रामीण और पिछले इलाकों के स्कूल में पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था और साथ ही सस्ते कीमत या मुफ्त में सैनेट्री पैड उपलब्ध कराए जाएं।
3. मासिक धर्म के दौरान इस्तेमाल होने वाले पैड्स, नैपकिन और अन्य मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की समुचित व्यवस्था की जाए।
इस याचिका की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हन में इस समस्या को काफी जरूरी मुद्दा माना है। इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी के दूसरे हफ्ते में होगी।
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गौरव श्रीवास्तव author
टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पे...और देखें
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