Joshimath sinking : होटल-इमारतों को गिराने जोशीमठ पहुंचा बुलडोजर, लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा, SDRF तैनात
Joshimath Sinking : चमोली के डीएम का कहना है कि असुरक्षित इमारतों को खाली करा लिया गया है। इनके आसपास के इलाकों को बफर जोन घोषित किया गया है, वहां से भी लोगों को निकाला जा रहा है। रूड़की से सीबीआरआई की एक टीम यहां आएगी और वह उन इमारतों की पहचान करेगी जिन्हें गिराया जाएगा।
सीबीआरआई के एक्सपर्ट देंगे सुझाव
चमोली के डीएम का कहना है कि असुरक्षित इमारतों को खाली करा लिया गया है। इनके आसपास के इलाकों को बफर जोन घोषित किया गया है, वहां से भी लोगों को निकाला जा रहा है। रूड़की से सीबीआरआई की एक टीम यहां आएगी और वह उन इमारतों की पहचान करेगी जिन्हें गिराया जाएगा। टीम के सुझाव पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन के अधिकारी एम मिश्रा ने कहा कि ध्वस्तीकरण जरूरी है क्योंकि इनके आस-पास कई घर एवं इमारतें हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन दो होटलों का गिराया जाना जरूरी है। सीबीआरआई के एक्सपर्ट यहां आ रहे हैं। सोमवार को उन्होंने सर्वे किया अब वे आगे की कार्रवाई के लिए अपने तकनीकी सुझाव व निर्देश देंगे।
प्रभावित मकानों की संख्या 678
जोशीमठ में सोमवार को 68 और घरों में दरार देखी गयी जिसके बाद जमीन धंसने से प्रभावित मकानों की संख्या 678 हो गयी है, वहीं 27 और परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इसमें कहा गया कि अब तक 82 परिवारों को कस्बे में सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। संधू ने जोशीमठ में हालात की समीक्षा के लिए राज्य सचिवालय के अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे लोगों को घरों से निकालने के काम में तेजी लाने को कहा ताकि वे सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा, ‘एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है।’
200 से अधिक घरों पर लाल निशान लगाया
जिला प्रशासन ने असुरक्षित 200 से अधिक घरों पर लाल निशान लगा दिया है। उसने इन घरों में रहने वाले लोगों को या तो अस्थायी राहत केंद्रों में जाने या किराये के घर में स्थानांतरित होने को कहा है। इसके लिए प्रत्येक परिवार को अगले छह महीने तक राज्य सरकार से 4000 रुपये मासिक सहायता मिलेगी। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल के कर्मियों को राहत तथा बचाव प्रयासों के लिए तैनात किया गया है। जोशीमठ में 16 स्थानों पर प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी राहत केंद्र बनाये गये हैं। इनके अलावा, जोशीमठ में 19 होटलों, अतिथि गृहों और स्कूल भवनों को तथा शहर से बाहर पीपलकोटी में 20 ऐसे भवनों को प्रभावित लोगों के लिए चिह्नित किया गया है।
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