पाकिस्तान सीमा पर देसी एंटी ड्रोन सिस्टम होंगे तैनात, दुश्मन की हर चाल होगी नाकाम
Desi Anti-Drone System: सरकार छह महीने में देश की पश्चिमी सीमा पर एक पूरी तरह स्वदेशी एंटी-ड्रोन प्रणाली स्थापित करने की तैयारी में है। जानिए क्यों पड़ी इसकी जरूरत।
पाकिस्तान से भेजा गया ड्रोन
Desi Anti-Drone System: पंजाब में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी सरकार के लिए चिंता का बड़ा सबब बन गया है। तस्करी में सीधे तौर पर पाकिस्तान के लोग शामिल हैं और इसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन ड्रोन को रोकने के लिए सरकार ने नई योजना बनाई है। सरकार छह महीने में देश की पश्चिमी सीमा पर एक पूरी तरह स्वदेशी एंटी-ड्रोन प्रणाली स्थापित करने की तैयारी में है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि ड्रोन रोधी तकनीक का परीक्षण चल रहा है, जिसमें तीन विकल्पों का परीक्षण किया जा रहा है। पूरी पश्चिमी सीमा पर लगाई जाने वाली ड्रोन-विरोधी प्रणाली या तो तीन प्रणालियों में से एक होगी या दो या अधिक तकनीक का संयोजन होगी।
भारत-म्यांमार सीमा पर एफएमआर होगा बंद
अधिकारी ने कहा कि अवैध प्रवासियों की आमद को रोकने के लिए भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था (FMR) जल्द ही बंद कर दी जाएगी। एफएमआर भारत-म्यांमार सीमा के दोनों ओर रहने वाली जनजातियों को पड़ोसी देश के अंदर 16 किमी तक वीजा-मुक्त यात्रा की अनुमति देता है। हालांकि, मणिपुर में जातीय हिंसा के लिए एक हद तक अवैध आव्रजन और नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी को बढ़ावा देने वाले एफएमआर को जिम्मेदार ठहराया गया है। सरकार इस व्यवस्था को बंद करने और म्यांमार के नागरिकों के प्रवेश के लिए वीजा को अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है।
ड्रोन से गिराए जा रहे हथियार-गोला और नशीले पदार्थ
पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहनों (UAVs) का उपयोग करके पाकिस्तान से हथियार, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों को गिराना कई वर्षों से सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी समस्या रही है। बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने पहले टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था कि 1 नवंबर, 2022 और 31 अक्टूबर, 2023 के बीच बल द्वारा 90 ड्रोन बरामद किए गए, जिनमें पंजाब में 81 और राजस्थान में नौ ड्रोन मिले थे। बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, पिछले साल ड्रोन देखे जाने की संख्या 300-400 तक बढ़ गई है। हालांकि, एक अधिकारी ने कहा कि हैंडहेल्ड स्टैटिक और वाहन-माउंटेड एंटी-ड्रोन सिस्टम का उपयोग करके निगरानी बढ़ाने के बाद से पाकिस्तान से नशीली दवाओं की खेप ले जाने वाले तस्करों को हाल ही में बीएसएफ को चकमा देना मुश्किल हो रहा है।
तस्कर रणनीति बदलने पर मजबूर
इनकी तैनाती के बाद तस्करों को रणनीति बदलने पर मजबूर होना पड़ा है। जैसे कि पंजाब में निगरानी के लिए राजस्थान मार्ग का उपयोग करना, लेकिन एक खुफिया लीक के बाद राजस्थान में चार खेप जब्त होने के बाद उन्होंने हार मान ली। तस्करों ने ड्रोन को ऊंचाई पर भेजने की भी कोशिश की लेकिन उन्हें पकड़ने के लिए बीएसएफ निगरानी प्रणाली को अपडेट किया गया। एक सूत्र ने कहा, हाल ही में तस्कर 750 ग्राम वजन के हल्के पेलोड के साथ छोटे ड्रोन उड़ा रहे हैं। पाकिस्तान से उड़ाए जाने वाले अधिकांश ड्रोन चीनी निर्मित होते हैं, क्योंकि वे आसानी से उपलब्ध होते हैं और तुर्की या ईरान की तुलना में सस्ते होते हैं।
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