क्या है त्रिशूल वॉर मेमोरियल? देवेंद्र फडणवीस ने जिसके जीर्णोद्धार की रखी आधारशिला

Trishul War Memorial: वर्ष 1962 के युद्ध में भारतीय सेना के सैन्यकर्मियों के बलिदान के सम्मान में त्रिशूल वॉर मेमोरियल बनाया गया था। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को लद्दाख में त्रिशूल युद्ध स्मारक और संग्रहालय के जीर्णोद्धार की आधारशिला रखी। आपको इससे जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं।

त्रिशूल युद्ध स्मारक और संग्रहालय का होगा जीर्णोद्धार।

Devendra Fadnavis In Ladakh: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने लद्दाख में युद्ध संग्रहालय की आधारशिला रखी। त्रिशूल युद्ध स्मारक के बगल में एक सभागार के साथ युद्ध संग्रहालय बनेगा। त्रिशूल युद्ध स्मारक अक्टूबर 1962 में लद्दाख में स्थापित तीसरी इन्फैंट्री त्रिशूल डिवीजन का प्रतीक है। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने देश के बहादुर जवानों की वीरता की सराहना की, जिन्होंने देश के सर्वोच्च बलिदान दिया, अपने जज्बे और हौसलों का परिचय देते हुए कर्तव्यों का निर्वहन किया।

ऐसा करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य बना महाराष्ट्र

सेना के लिए इस तरह की परियोजना शुरू करने और सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन को बेहतर बनाने में मदद करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है। इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 'उनकी सरकार इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सेना के साथ सहयोग करेगी।'

फडणवीस ने वीर जवानों के बलिदान को किया सलाम

लोगों को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह लद्दाख के उन वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि है जिन्होंने राष्ट्र की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। वहीं रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि कारू स्थित युद्ध स्मारक और संग्रहालय राष्ट्र के सम्मान और अखंडता की रक्षा में त्रिशूल डिवीजन के जवानों द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान और महान योगदान का सम्मान करने का एक प्रयास है।

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