18 लॉकर, 500 चाबियां और 257 करोड़ की नकदी...धीरज साहू कैश कांड ने याद दिलाया पीयूष जैन केस

Piyush Jain Cash Case: सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों से 355 करोड़ से भी ज्यादा कैश की बरामदगी के मामले में कांग्रेस ने भले उनसे किनारा कर लिया हो, लेकिन सच्चाई यह है कि साहू का धनाढ्य परिवार अपने खजाने से पार्टी को समय से नवाजता रहा है और इसकी एवज में कांग्रेस भी इस परिवार के सदस्यों को पावर कॉरिडोर में ऊंचे रसूख देकर उपकृत करती रही है।

Piyush Jain Case

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Piyush Jain Cash Case: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़े कैश कांड (साहू के बंगले से भारी मात्रा में जब्त किए गए कैश) ने यूपी के कानपुर में पीयूष जैन केस की यादें फिर ताजा कर दीं। दिसंबर 2021 में केंद्रीय एजेंसियों ने कानपुर के इत्र निर्माता और व्यवसायी पीयूष जैन के घर से लगभग 257 करोड़ रुपए नकद और कई संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए थे। जैन के कानपुर वाले घर पर 120 घंटे से अधिक की छापेमारी में, आयकर विभाग, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और माल व सेवा कर खुफिया (जीएसटी) इकाइयों की टीमों ने 257 रुपये से अधिक की नकदी बरामद की। कई किलोग्राम सोना और चांदी के अलावा करोड़ों की नकदी सोफे, दीवारों, छत और यहां तक कि सीढ़ियों से भी निकाली गई थी।
टीमों को जैन के कन्नौज स्थित पैतृक घर के एक तहखाने में 18 लॉकर मिले। उन्हें लगभग 500 चाबियों का एक गुच्छा भी मिला, जिसका उपयोग इन लॉकरों को खोलने के लिए किया गया था। जैन कन्नौज और कानपुर में इत्र-निर्माण इकाइयां चलाते थे। यह पैसा कथित तौर पर एक माल ट्रांसपोर्टर द्वारा फर्जी चालान और बिना ई-वे बिल के माल भेजने से जुड़ा था। सूत्रों के मुताबिक, जैन हर एक-डेढ़ साल में अपने चौकीदार बदल देते थे।
आनंदपुरी स्थित अपने बंगले में जैन ने 7,500 रुपये प्रति माह वेतन पर केवल दो चौकीदार नियुक्त किए थे और उन्हें भी घर के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। धन के ढेर पर बैठे होने के बावजूद जैन जनता और कर अधिकारियों की नज़रों से बचने के लिए साधारण जीवनशैली अपनाते थे। जैन महंगी कारों से भी बचते थे और पुरानी गाड़ियों में चलते थे। उनके पास एक टोयोटा कार थी, जो उनके 15 वर्षीय बेटे प्रत्यूष के नाम पर पंजीकृत थी और एक वोक्सवैगन थी।
वह अपना व्यवसाय कानपुर की इत्रवाली गली में करते थे, जो इत्र के व्यापार के लिए जाना जाता है। उनके कार्यालय कन्नौज, कानपुर और मुंबई में हैं। कानपुर छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को करीब 40 सहयोगी कंपनियां भी मिलीं, जिनके जरिए जैन अपना कारोबार करते थे। जैन की फैक्ट्री से करोड़ों रुपये का बेहिसाब चंदन का तेल, परफ्यूम भी जब्त किया गया था। उनके परिसर पर छापेमारी की तस्वीरों में अधिकारियों को नोट गिनने वाली मशीनों से नोटों के ढेर की गिनती करते हुए दिखाया गया है। बाद में उन्हें कर चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और कुछ दिन बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया।
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