चीन-पाक के उड़ेंगे होश, जब नई ताकत और बेजोड़ क्षमता वाली देखेंगे भारत की सुपरसोनिक ब्रह्मोस

ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए जहाज-रोधी और हमले के संचालन के लिए मुख्य हथियार है, जो नियमित रूप से हथियार प्रणाली से फायर करते हैं। इस मिसाइल को पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है।

ब्रह्मोस मिसाइल।

BrahMos supersonic cruise missile : दुश्मन देशों के लिए भारत के पास एक से बढ़कर एक घातक मिसाइलें हैं। समय-समय पर भारतीय सेना अपनी इस मिसाइलों की क्षमता, सटीकता उनकी मारक क्षमता का प्रदर्शन भी करती रहती है। दुश्मन को कड़ा संदेश देने के लिए ध्रुव ब्रह्मोस वैरियर ने सुपरसोनिक क्रूज मिसालइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया है। सेना के उत्तरी कमान ने अपने एक ट्वीट में कहा कि अपनी सटीकता एवं ताकत का प्रदर्शन करने के लिए अंडमान निकोबार द्वीप पर इस सुपरसोनिक मिसाइल का सफल टेस्ट हुआ। मिसाइल ने लंबी दूरी के लक्ष्य को पूरी सटीकता के साथ भेद दिया।

मारक क्षमता 290 किलोमीटर

भारत की इस सुपरसोनिक मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है। इस मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है। ब्रह्मोस को विश्व के सबसे विकसित मिसाइलों में गिना जाता है। मिसाइल को मोबाइल ऑटोनोमस लांचर से सफलता पूर्वकलॉन्च किया गया। ब्रह्मोस मिसाइल को सेना और नौसेना में पहले ही शामिल किया जा चुका है। भारत ने इस मिसाइल को काफी मेहनत के बाद बनाया है। कई देश इस मिसाइल को खरीदना चाहते हैं।

कई प्लेटफॉर्म से मिसाइल दागी जा सकती है

ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए जहाज-रोधी और हमले के संचालन के लिए मुख्य हथियार है, जो नियमित रूप से हथियार प्रणाली से फायर करते हैं। इस मिसाइल को पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे लड़ाकू विमान, युद्धपोत, जमीनी लॉन्चर और पनडुब्बी से दागा जा सकता है।

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