डेपसांग और डेमचोक में भारत-चीन के बीच तनातनी खत्म, दोनों देशों के सैनिक हुए वापस, ढांचे भी ध्वस्त!
Ladakh Disengagement: पूर्वी लद्दाख सेक्टर के डेपसांग और डेमचोक इलाकों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे द्वारा वहां से अपनी-अपनी जगह खाली करने और बुनियादी ढांचे को हटाने की पुष्टि कर रही हैं।
पूर्वी लद्दाख की सीमा के पास से भारत और चीन के हटे
Ladakh Disengagement: पूर्वी लद्दाख के दो इलाकों में भारत और चीन के बीच तनातनी पूरी तरह से खत्म हो गई है। लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक से भारत और चीन के सैनिकों की वापसी हो गई है। दोनों ही देशों के सैनिक पूरी तरह से वहां से हट गए हैं और अस्थायी ढांचे को भी हटा दिया गया है।
डेपसांग और डेमचोक से अतिरिक्त सैनिकों की वापसी
रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी लद्दाख सेक्टर के डेपसांग और डेमचोक इलाकों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे द्वारा वहां से अपनी-अपनी जगह खाली करने और बुनियादी ढांचे को हटाने की पुष्टि कर रही हैं।
'डेपसांग और डेमचोक में सैनिकों का पीछे हटना पहला कदम'
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक में सैनिकों का पीछे हटना पहला कदम है, और उम्मीद है कि भारत 2020 की गश्त की स्थिति में वापस आ जाएगा। विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से चीन का जिक्र करते हुए कहा कि अगला कदम तनाव कम करना है, जो तब तक नहीं होगा जब तक भारत को यकीन नहीं हो जाता कि दूसरी तरफ भी यही हो रहा है।
इस सप्ताह की शुरुआत में हुआ था समझौता
इस सप्ताह की शुरुआत में, भारत ने घोषणा की कि उसने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त करने को लेकर चीन के साथ समझौता कर लिया है। चार साल से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में यह एक बड़ी सफलता है।
मुंबई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि देपसांग और डेमचोक में गश्त करने और पीछे हटने पर आम सहमति बन गई है।
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