भारत-पाकिस्तान सरहद के बीच की दूरी घटाई जाए, भगवंत मान ने अमित शाह से की अपील, ये है वजह

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने गृह मंत्रियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में अमित शाह (Amit Shah) से अपील की कि कंटीली तार से किसानों को परेशानी हो रही है। इसलिए भारत और पाकिस्तान के बीच असल सरहद की दूरी घटाई जाए।

Bhagwant Mann

गृह मंत्रियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान

मुख्य बातें
  • सीएम भगवंत मान ने पठानकोट में एनएसजी का केंद्र स्थापित करने की मांग की।
  • सुरक्षा कारणों के मद्देनजर पंजाब को कैटागरी-ए में शामिल करने के लिए कहा।
  • पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण के फंडों संबंधी राज्य को छूट देने की मांग।

फरीदाबाद : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को राज्य में भारत-पाकिस्तान के दरमियान अंतरराष्ट्रीय सीमा (India Pakistan Border) पर लगी कंटीली तार के कारण किसानों को पेश आ रही मुश्किलों को सहानुभूतीपूर्वक विचार करने की अपील की। आज यहां गृह मंत्रियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अमित शाह को कंटीली तार और असल सरहद के बीच दूरी को घटाने की अपील की, जिससे तार के पार अपनी जमीन पर खेती करने वाले किसानों को सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि यह दूरी मौजूदा एक किलोमीटर की बजाय 150-200 मीटर तक घटा दी जाए, जिससे सरहदी क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ मिल सके। भगवंत मान ने कहा कि इससे एक ओर भूमि का सही प्रयोग सुनिश्चित बनेगा और दूसरी ओर देश की सुरक्षा भी मजबूत होगी।

एक अन्य मुद्दे को उठाते हुए मुख्यमंत्री ने भारत सरकार को पठानकोट में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्ज़ (एनएसजी) का क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पठानकोट एयरबेस पर हमले के दौरान गुरूग्राम से एनएसजी को रवाना किया गया था, जिसमें काफी समय लगा था। भगवंत मान ने कहा कि पठानकोट में एनएसजी केंद्र की स्थापना से पूरे उत्तरी क्षेत्र में आतंकवाद की गतिविधियों का प्रभावशाली ढंग से मुकाबला करने में मदद मिलेगी। पंजाब के साथ 553 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा लगने के कारण इसको संवेदनशील राज्य बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज सुरक्षा कारणों के मद्देनजर राज्य को मौजूदा कैटागरी-बी की बजाय कैटागरी-ए में शामिल करने की मांग की।

आज यहां गृह मंत्रियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब, सरहदी राज्य होने के नाते सुरक्षा कारणों से ए श्रेणी में विचारा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब को जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर-पूर्वी राज्यों के बराबर समझा जाना चाहिए, क्योंकि सरहद पार से ड्रोनों की घुसपैठ से आतंकवाद का खतरा है। भगवंत मान ने कहा कि कैटागरी-ए राज्य होने के नाते पंजाब को केंद्र और राज्य के दरम्यान 90:10 की हिस्सेदारी के अनुपात के मुताबिक वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए, जबकि कैटागरी-बी के अंतर्गत राज्यों के लिए 60:40 की हिस्सेदारी के अनुपात पर वित्तीय सहायता की व्यवस्था है।

मुख्यमंत्री ने बॉर्डर एरिया डिवैल्पमैंट प्रोग्राम (बीएडीपी) स्कीम के अंतर्गत बकाया फंड जारी करने की भी ज़ोरदार अपील की। उन्होंने दुख प्रकट किया कि यह फंड पिछले दो वित्तीय वर्षों (2020-21 और 2021-22) से नहीं बांटे गए। भगवंत मान ने कहा कि इस कारण राज्य में कोई भी नया प्रोजैक्ट शुरू नहीं हुआ है और चल रहे प्रोजैक्टों में भी कठिनाईयां पेश आ रही हैं।

एक अन्य मुद्दे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण (एमओपीएफ) फंडों के सम्बन्ध में राज्य को छूट देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस समय पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण के लिए स्कीम के अंतर्गत कैटागरी-बी राज्यों के लिए (2014-15 से) निर्माण कार्यों और वाहन के संचालन के लिए फंड बंद कर दिए गए हैं। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को एमओपीएफ फंड खर्च करने की छूट और निर्माण एवं वाहन के लिए खर्च करने की इजाजत दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए स्वीकृत की गई 24 करोड़ रुपए की प्रांतीय कार्य योजना को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के दख़ल की भी मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में सुरक्षा के संवेदनशील हालात के मद्देनजर राज्य को 50 करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड दिए जाएं, जिससे सरहदी पुलिस थानों, सुरक्षा की दूसरी लाईन और खुफिया बुनियादी ढांचे को मज़बूत किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सुरक्षा के लिहाज से बहुत सी चुनौतियां उभर रही हैं और पंजाब सरकार बीएसएफ और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ तालमेल से इनका समाधान करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि मार्च, 2022 से पंजाब सरकार ने नशों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई हुई है और पंजाब में नशों की तस्करी के विरुद्ध कई निर्णायक कदम उठाए गए हैं और सख्त कार्रवाई अमल में लाई गई है। भगवंत मान ने बताया कि अब तक 8,711 एफआईआर दर्ज की गई हैं और एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत दर्ज मामलों में 11,985 मुलजिमों को गिरफ्तार किया गया है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब अंतरराज्यीय पुलिस सहयोग की शानदार मिसाल है। पुलिस ने गुजरात की ए.टी.एस. के साथ साझे तौर पर कार्यवाही करते हुए मुन्दरा बंदरगाह से 75 किलो हेरोइन बरामद की है और जुलाई, 2022 में नाहवा सेवा पोर्ट, मुम्बई में महाराष्ट्र पुलिस के साथ साझे तौर पर कार्यवाही कर 72.5 किलो हेरोइन बरामद की। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) का गठन किया है, जिसने गैंगस्टर विरोधी कार्यवाहियों को अंजाम दिया और 384 गैंगस्टरों/संगठित अपराधियों समेत 90 गैंगस्टर मोड्यूल का पर्दाफाश किया और बड़ी मात्रा में हथियार/गोला-बारूद भी बरामद किया।

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब पुलिस ने बीएसएफ के साथ तालमेल कर तरनतारन और अमृतसर जिलों में 300 से अधिक जवानों की अतिरिक्त तैनाती कर सुरक्षा की दूसरी कतार को मजबूत किया है, जिस कारण ड्रोनों की घटनाओं में जिक्र योग्य कमी आई है। मुख्यमंत्री ने राज्य में उच्च सुरक्षा वाली जेल और फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी स्थापित करने का ऐलान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार दोनों प्रोजैक्टों के लिए मुहैया करवाई जाने वाली जमीन को चिन्हित कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब देश की खड़गभुजा है, जिसने हमेशा देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता की रक्षा की।

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