जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल का विरोध करने पर करुणानिधि की सरकार को कर दिया था बर्खास्त

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आपातकाल लगाने की घोषणा की थी। जिसे लेकर तब भारी विरोध हुआ था। विपक्ष के कई छोटे-बड़े नेता जेल में डाल दिए गए थे। आपातकाल 21 महीने तक रहा था।

इंदिरा गांधी का कहा नहीं मानने के बाद गिर गई थी द्रमुक की सरकार: स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शनिवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनकी पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) से आपातकाल का विरोध नहीं करने का अनुरोध किया था, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत एम. करुणानिधि ने लोकतंत्र को अपनी सरकार से ऊपर रखकर इसका विरोध किया, जिसके कारण उनकी सरकार गिर गई।

इंदिरा ने भेजे दूत

स्टालिन ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री गांधी ने करुणानिधि को यह संदेश देने के लिए अपने दूत भेजे थे कि उन्हें 1975 में लागू आपातकाल का विरोध नहीं करना चाहिए। यदि उन्होंने इस अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया तो द्रमुक सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है। स्टालिन की इस जनसभा के दौरान अन्नाद्रमुक और डीएमडीके सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के 4,000 से अधिक लोग द्रमुक में शामिल हुए।

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