शिवराज पाटिल के 'गीता' में जिहाद बयान से कांग्रेस का किनारा, क्या बीजेपी को मिला मुद्दा
शिवराज पाटिल ने करीब 13 साल पहले भी जब भगवा आतंकवाद का जिक्र किया को बीजेपी को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया था।
शिवराज पाटिल कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। पाटिल यूपीए सरकार के दौरान गृहमंत्री थे और मुंबई हमलों के समय सूट बदलने के मामले में चर्चा में आए। भगवा आतंकवाद पर चर्चा में आए और करीब एक दशक बाद महाभारत में जिहाद का जिक्र कर चर्चा में है। उन्होंने कहा कि महाभारत के एक अध्याय में श्रीकृष्ण ने जो उपदेश दिया वो आखिर क्या है एक तरह से जिहाद ही तो है। अब उनके इस बयान पर टाइम्स नाउ नवभारत ने जब कुछ सवाल पूछे तो जवाब देने की जगह चलते बने। लेकिन बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाया और करारा हमला किया। हालांकि कांग्रेस ने उनके बयान से किनारा कर लिया।
विकृत और घृणित मानसिकता का प्रतीक
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भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी शिवराज पाटिल ने जो कहा वह उनकी पार्टी की विकृत और घृणित मानसिकता का प्रतीक है। बाल गंगाधर तिलक ने गीता में कर्म योग शास्त्र देखा और महात्मा गांधी ने अनाशक्ति को देखा। लेकिन राहुल गांधी की कांग्रेस के लोग इसमें जिहाद देखते हैं। उनका दिमाग वोट बैंक के मवाद से भरा है: पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे या सोनिया गांधी को जवाब देना चाहिए कि अगर शिवराज पाटिल ने जो कहा वह सही है तो क्या महात्मा गांधी ने जो कहा, गलत है?
'गीता' में भी जिहाद का जिक्र
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की जीवनी के विमोचन पर बोलते हुए, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पाटिल ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि इस्लाम धर्म में जिहाद की बहुत चर्चा है। उन्होंने कहा कि यह अवधारणा तब सामने आती है जब सही इरादे और सही काम करने के बावजूद कोई नहीं समझता या पारस्परिकता नहीं करता है, तब कहा जाता है कि कोई बल प्रयोग कर सकता है।उन्होंने हिंदी में अपनी टिप्पणी में दावा किया, "सिर्फ कुरान में ही नहीं, महाभारत में भी, गीता के हिस्से में, श्री कृष्ण भी अर्जुन से जिहाद की बात करते हैं और यह बात सिर्फ कुरान या गीता में नहीं बल्कि ईसाई धर्म में भी है।अगर सब कुछ समझाने के बाद भी लोग समझ नहीं रहे हैं, हथियार लेकर आ रहे हैं तो आप भाग नहीं सकते, आप इसे जिहाद नहीं कह सकते और आप इसे गलत नहीं कह सकते, यही समझना चाहिए, लोगों को समझाने की यह अवधारणा नहीं होनी चाहिए।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के नेता जब इस तरह का बयान देते हैं तो वो बीजेपी के लिए मुफीद होता है। वैचारिक तौर पर बीजेपी अपने आपरो हिंदू विचारधारा का वाहक बताती है और कांग्रेस नेताओं के मंदिर दौरे को चुनावी परिक्रमा बताते हैं। कांग्रेस के नेताओं की हिंदू विचारधारा या मुलायम हिंदुत्व में एकरूपता नजर नहीं आती है। जिहाद को वैसे तो बुरे विचारों के खिलाफ लड़ाई माना गया। लेकिन इस्लामी संस्कृति में यह साम्राज्य विस्तार का आधार बना जिसमें सुल्तानों, बादशाहों या शहंशाहों के विरोध में लड़ने वाले किरदारों का ताल्लुक दूसरे धर्मों से होता है। लेकिम महाभारत की लड़ाई तो एक ही परिवार के दो अलग अलग कुनबों में हुई थी। लिहाजा बीजेपी के नेता कहते हैं या तो कांग्रेस को गीता, महाभारत या रामायण का ज्ञान नहीं है या सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह के बयान देते हैं। अब कांग्रेस ने भले ही शिवराज पाटिल के बयान से किनारा कर लिया हो। लेकिन राजनीतिक खामियाजा कांग्रेस को गुजरात और हिमाचल के चुनाव में उठाना पड़ सकता है।
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