कॉलेजियम सिस्टम को बेपटरी नहीं करें, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने की अहम टिप्पणी

कॉलेजियम सिस्टम के बारे में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने कहा कि हम पारदर्शी संस्था हैं और किसी दूसरे के बयान या टिप्पणी पर इसे बेपटरी नहीं करना चाहिए।

कॉलेजियम सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

कॉलेजियम सिस्टम को बेपटरी मत करिए, हम एक पारदर्शी संस्था हैं, अगर कोई शख्स किसी दूसरे के काम में बाधा डालने वाला हो तो उसके बयानों पर गौर भी नहीं करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही पूर्व जजों के बयान को अस्वीकृत करते हुए कहा कि जजों की नियुक्ति के लिए बनी कॉलेजियम सिस्टम पर कमेंट करना परंपरा बन चुकी है। दो जजों की बेंच में शामिल जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस सी टी रविकुमार ने कहा कि जो सिस्टम चल रहा है उसे बेपटरी ना करें। बता दें कि 2018 में जजों की नियुक्ति के संबंध में जो कॉलेजिम बनी थी उसके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए अर्जी लगाई गई थी।

सुप्रीम कोर्ट पारदर्शी संस्था

याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने तर्क दिया कि 12 दिसंबर, 2018 को कॉलेजियम की बैठक के बारे में किसी भी विवरण का खुलासा नहीं करके सुप्रीम कोर्ट पारदर्शी नहीं था जिसमें उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने का निर्णय कथित तौर पर लिया गया था। खंडपीठ जोरदार था कि सिफारिश लिखित रूप में निर्णय नहीं थी।कॉलेजियम किसी व्यस्त व्यक्ति की इच्छा पर काम नहीं करता यह मौखिक बात रही होगी। निर्णय को लिखित रूप में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए। कॉलेजियम में बहुत सी बातों पर चर्चा की जाती है। हम सबसे पारदर्शी संस्था हैं।

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