न जगाइए Old Pension Scheme का 'भूत', वरना हिंदुस्तान में हो जाएंगे Sri Lanka जैसे हालात- BJP नेता ने किया आगाह

Old Pension Scheme Latest News: दरअसल, कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर दी गई है जबकि उसने हिमाचल प्रदेश में इसे लागू करने का वादा किया है। पंजाब में भी यह व्यवस्था बहाल है।

sushil kumar modi

बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी पहले बिहार के डिप्टी सीएम रह चुके हैं।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Old Pension Scheme Latest News: पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सीनियर नेता सुशील कुमार मोदी ने आगाह किया है कि इसके भूत को न जगाया जाए। आज तो कोई दिक्कत नहीं, पर साल 2034 में हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी। दरअसल, बिहार के पूर्व डिप्टी-सीएम की यह टिप्पणी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की कुछ राज्यों की घोषणा के संदर्भ में आई। उन्होंने ऐसा करने वाले सूबों के ऐलान को सीधे ‘‘अनैतिक’’ बता दिया।

संसद के उच्च सदन राज्यसभा में अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा में हिस्सा लेने के दौरान उन्होंने ओपीएस बहाली की घोषणा करने वाले प्रदेशों से कहा कि उनकी ओर से आज का बोझ भविष्य की पीढ़ी पर डालना ‘‘बहुत बड़ा अपराध’’ होगा। वह बोले- जब राज्य आगे बढ़ेंगे तभी देश आगे बढ़ेगा लेकिन पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की गई है।

बकौल सुशील मोदी, ‘‘पुरानी पेंशन योजना में जाना शर्मनाक, गैर-सैद्धांतिक और अनैतिक होगा क्योंकि इससे भविष्य की सरकारों के लिए महत्वपूर्ण देनदारियां पैदा होंगी, उनके आर्थिक प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।’’ उन्होंने आगे बताया कि आने वाली पीढ़ी के लिए बोझ छोड़कर जाएं, यह कदापि उचित नहीं होगा। मोदी के मुताबिक, ‘‘आज आपको कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन 2034 में जो सरकार आएगी, उसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी और भारत के बहुत सारे ऐसे राज्य होंगे, जिनकी हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी।’’

वह बोले, ‘‘इसलिए मैं आग्रह करूंगा कि पुरानी पेंशन योजना के भूत को मत जगाइए। यह बहुत बड़ा खतरा है। हम पूरे देश को संकट में डाल देंगे।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नयी पेंशन योजना इस देश में प्रारंभ हुई थी उस समय सारे राज्यों को एक मंच पर लाने का काम किया गया था। इस समय पांच लाख 76 हजार करोड़ रुपये का, प्रत्येक वर्ष केवल पेंशन के रूप में राज्यों और केंद्र को भुगतान करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश अपने कुल राजस्व का 80 प्रतिशत केवल पेंशन पर व्यय करता है। बिहार का 60 प्रतिशत और पंजाब का 34 प्रतिशत पेंशन पर व्यय होता है। अगर आय और ब्याज को जोड़ दिया जाए तो राज्यों के पास कुछ भी नहीं बचेगा।’’ उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे आज का बोझ भविष्य की पीढ़ी पर ना डालें। ऐसा करना बहुत बड़ा अपराध होगा।

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अभिषेक गुप्ता author

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