क्या हमारे पास इतना EVM है कि एक साथ चुनाव हो सके? वन नेशन-वन इलेक्शन पर बनी JPC की बैठक में प्रियंका गांधी ने पूछे सवाल

सरकार ने 'एक देश-एक चुनाव' को अमली जामा पहनाने के लिए दो विधेयक लोकसभा में पेश किए थे। इनमें 129वां संविधान संशोधन विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 शामिल हैं।

priyanka gandhi

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)

'एक देश-एक चुनाव' से जुड़े विधेयकों की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की तीसरी बैठक मंगलवार को संसद भवन परिसर में हुई। इस मीटिंग में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हमारे पास इतने ईवीएम हैं कि देश में एक साथ चुनाव हो सके? प्रियंका गांधी के अलावा और कई विशेषज्ञों ने इस योजा पर अपनी राय रखी और कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी सहित चार कानूनी विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी।

ये भी पढ़ें- कैग रिपोर्ट में क्या-क्या, जिसके कारण सवालों के घेरे में हैं केजरीवाल? 15 प्वाइंट में पढ़िए कहां-कहां फंस रही AAP

पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने क्या कहा

जेपीसी की बैठक में पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराए जाने से संसाधनों और समय की बचत हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही संवैधानिक और राजनीतिक पहलुओं पर भी ध्यान देना जरूरी है। 'एक देश-एक राष्ट्र' पर रिपोर्ट पेश करने वाली पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति के सचिव नितेन चंद्रा ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक नहीं हो सकता है। संविधान में कहीं यह नहीं कहा गया है कि चुनाव का टाइम फ्रेम तय नहीं किया जा सकता। यह सिर्फ चुनावों की समय सीमा को निर्धारित करने की बात है।

प्रियंका गांधी के सवाल

बैठक में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी महत्वपूर्ण सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या हमारे पास इतनी ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) हैं कि हम एक साथ चुनाव करा सकें? उन्होंने सवाल उठाया कि ईवीएम की देखरेख और रखरखाव कैसे कियाजाएगा। एक साथ चुनाव कराने के लिए क्या तरीका अपनाया जाएगा?

मध्यावधि चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा सवाल

लोजपा (रामविलास) की सांसद सांभवी चौधरी ने पूछा कि अगर चुनावों का समय तय हो जाता है, तो सरकारों के प्रति जवाबदेही पर क्या असर पड़ेगा? एक बार सरकार बनने के बाद लोगों के प्रति सरकार की जवाबदेही को कैसे तय किया जाएगा? बैठक में अधिकांश सांसदों ने मध्यावधि चुनाव के बारे में सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि यदि कहीं मिड-टर्म चुनाव होते हैं और किसी को बहुमत नहीं मिलता और हंग मैंडेट होता है, तो ऐसी स्थिति में क्या होगा? इस पर कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस सवाल का जवाब उचित तैयारी के साथ दिया जाएगा।

समर्थन में पूर्व जस्टिस

बैठक में पूर्व जस्टिस और लॉ कमीशन के पूर्व अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी ने इस बिल का समर्थन किया। उन्होंने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा कि यदि देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं, तो इससे संसाधनों और पैसे की बड़ी बचत हो सकती है। उनके अनुसार, यह कदम प्रशासनिक स्तर पर भी सुविधाजनक होगा और चुनावी प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित बनाने में मदद करेगा।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited